केरल सरकार ने राहुल गांधी के ऑफिस पर हुए हमले को लेकर बड़ी कार्रवाई करते हुए एक तरफ तो डीएसपी को सस्पेंड किया वहीं इस मामले की जांच एडीजीपी को सौंप दी है। यही नहीं एडीजीपी से जांच की रिपोर्ट एक हफ्ते में मांगी गई है।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से बयान जारी कर रहा गया कि राज्य सरकार राहुल गांधी के कार्यालय तक मार्च और उसके बाद हुई तोड़फोड़ की घटना की उच्च स्तरीय जांच करेगी।
यह भी पढ़ें – सोनिया गांधी ईडी के सामने नहीं होंगी पेश, चिट्ठी लिखकर रखी पेशी टालने की मांग
ये है पूरा मामला
पिछले दिनों देश की सर्वोच्च अदालत ने पर्यावरण को लेकर बड़ा फैसला सुनाया था। इसके मुताबिक, संरक्षित वनों, वन्यजीव अभयारण्यों के आसपास का एक किलोमीटर वाला पूरा इलाका पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्र (ESZ) रहने वाला है।
दरअसल ईएसजेड के जो भी तमाम गतिविधियां होती रहती हैं, उन्हें नियंत्रित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला सुनाया था।
दरअसल केरल में विवाद इस बात को लेकर है कि अगर ये नियम वहां सख्ती से लागू कर दिया जाता है तो पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्र में रह रहे लोगों का क्या होगा?
इसी मुद्दे को लेकर SFI के कार्यकर्ताओं ने वायनाड में प्रदर्शन निकाला और राहुल गांधी के विचार जानने का प्रयास किया। जवाब ना मिलने पर कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी के दफ्तर में जमकर तोड़फोड़ की।
इस पूरे मामले पर अब तक राहुल गांधी की ओर से कई प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि पर्यावरण वाले मुद्दे को लेकर उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखी है।
ऐसे में उन्होंने पीएम से अपील की है कि, पर्यावरण के साथ-साथ लोगों की सुविधा और उनकी आजीविका का भी पूरा ध्यान रखा जाए।
यह भी पढ़ें – AIADMK की बैठक में पूर्व डिप्टी CM पन्नीरसेल्वम पर नाराज पार्टी सदस्यों ने फेंकी बोतलें, सामने आया वीडियो