ऊपरी सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि विपक्ष सदन की कार्यवाही की संचालन चाहता है और इसका अन्नाद्रमुक के विरोध से कोई लेना-देना नहीं है। आजाद ने कहा कि मैं अपनी पार्टी और पूरे विपक्ष की ओर से स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि इस हंगामे से हमारा कोई लेना-देना नहीं है। इसे विपक्ष के खाते में नहीं जोड़ा जाना चाहिए। यह अन्नाद्रमुक और सरकार के बीच का मसला है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी सदस्य अपनी सीटों पर चुपचाप बैठे रहे।
उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने उन सदस्यों से अपने मुद्दों पर बोलना जारी रखने के लिए कहा जिन्होंने शून्य काल के दौरान नोटिस दिया था। तृणमूल कांग्रेस के सदस्य नदीमुल हक ने कहा कि वह तक तक नहीं बोल सकते जब तक हंगामा खत्म नहीं हो जाता। अन्नाद्रमुक सदस्यों द्वारा हंगामा बंद नहीं करने पर कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। इससे पहले, सदन ने दिग्गज फिल्मकार व राज्यसभा के पूर्व सदस्य मृणाल सेन को श्रद्धांजलि दी, जिनका लंबी बीमारी के बाद कोलकाता में 95 साल की उम्र में रविवार को निधन हो गया। सदन ने उनकी याद में दो मिनट का मौन भी रखा।