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Puducherry: सीएम नारायणसामी के इस्तीफे के साथ ही ‘कांग्रेस मुक्त’ हुआ दक्षिण भारत, अब सिर्फ इन राज्यों में बची है सरकार

locationनई दिल्लीPublished: Feb 22, 2021 06:12:23 pm

Submitted by:

Anil Kumar

HIGHLIGHTS

सोमवार को विधानसभा में हुए फ्लोर टेस्ट में मुख्यमंत्री नारायणसामी बहुमत सिद्ध नहीं कर पाए और कांग्रेस सरकार गिर गई।
सीएम नारायमसामी ने उपराज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन से मुलाकात कर अपना इस्तीफा सौंप दिया है।

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Puducherry: South India became ‘Congress-free’ with the resignation of CM Narayanasamy

नई दिल्ली। पुड्डुचेरी में जारी सियासी घमासान के बीच आखिरकार सोमवार को कांग्रेस सरकार गिर गई। सोमवार को विधानसभा में हुए फ्लोर टेस्ट में मुख्यमंत्री नारायणसामी बहुमत सिद्ध नहीं कर पाए और कांग्रेस सरकार गिर गई। सीएम नारायमसामी ने उपराज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन से मुलाकात कर अपना इस्तीफा सौंप दिया है।

इसके साथ ही कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगा है। पुड्डुचेरी में सरकार गिरने के साथ ही दक्षिण भारत में एकमात्र राज्य में शासन करने वाली कांग्रेस अब साफ हो गई है। इससे दो साल पहले कर्नाटक में कांग्रेस ने सत्ता गवांई थी। इसके साथ ही भाजपा का कांग्रेस मुक्त का सपना दक्षिण भारत में साकार हो गया है।

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बता दें कि रविवार को कांग्रेस विधायक के. लक्ष्मीनारायणन और द्रमुक के विधायक वेंकटेशन के इस्तीफा देने के साथ ही 33 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस-द्रमुक गठबंधन सरकार के विधायकों की संख्या संख्या घटकर 11 हो गई थी, जबकि विपक्षी दलों के 14 विधायक हैं। ऐसे में विपक्ष ने सरकार के अल्पमत में होने की बात कही, जिसके बाद उपराज्यपाल ने बहुमत परीक्षण के लिए 22 फरवरी की समय दिया था।

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कांग्रेस मुक्त हुआ दक्षिण भारत

आपको बता दें कि पुड्डुचेरी में सरकार गिरने के साथ ही कांग्रेस दक्षिण भारत से मुक्त हो गई है। दो साल पहले कर्नाटक में कांग्रेस की हार हुई थी। एक जमाने में ऐसा माना जाता था कि दक्षिण भारत कांग्रेस का गढ़ है। लेकिन अब हालात और तस्वीर बदल चुकी है। कांग्रेस अब कुछ ही राज्यों तक तक सिमट कर रह गई है।

एक नजर डालें तो कांग्रेस अपने सहयोगियों के साथ या फिर अपने दम पर सिर्फ पांच राज्यों में सरकार चला रही है। ये राज्य हैं- पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़ महाराष्ट्र और झारखंड। महाराष्ट्र और झारखंड में कांग्रेस सहयोगी की भूमिका में सरकार में शामिल है, यानी यहां पर गठबंधन की सरकार है, जिसकी अगुवाई क्षेत्रीय दल कर रहे हैं। झारखंड में कांग्रेस झारखंड मुक्ति मोर्चा की अगुवाई में, जबकि महाराष्ट्र में शिवसेना की अगुवाई में गठबंधन की सरकार में शामिल है।

2014 के बाद से कई राज्यों में कांग्रेस हुई कमजोर

आपको बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद से कई राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में भी कांग्रेस की हार हुई। हालांकि, उसके बाद कई राज्यों में कांग्रेस ने वापसी भी की, जिसमें राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश शामिल है।

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कांग्रेस 15 साल बाद मध्यप्रदेश में सत्ता में वापसी की थी, लेकिन फिर 15 महीने के शासन के बाद सरकार गिर गई। इसी तरह से कर्नाटक में जुलाई 2019 में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के 17 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया, इसके साथ ही यहां पर भी सरकार गिर गई।

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इन राज्यों में कांग्रेस के लिए बढ़ी चुनौती

आपको बता दें कि इस साल अप्रैल-मई में देशभर के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, जिनमें पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, असम और पुडुचेरी शामिल है। इन राज्यों में जीत दर्ज करने को लेकर कांग्रेस के लिए चुनौती बढ़ गई है।

जहां पश्चिम बंगाल में भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच सीधे-सीधे मुकाबला दिखाई दे रहा है, तो वहीं असम और तमिलनाडु में वापसी को लेकर कांग्रेस के पास बेहद बड़ी चुनौती होगी। केरल में भी सत्ता पर काबिज होना कांग्रेस के लिए आसान नहीं है।

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