अरुण जेटली ने कहा कि इसके साथ ही विदेश मंत्रालय पाकिस्तान को विश्व भर में अलग-थलग करने के लिए विशेष अभियान चलाएगा। ताकि पाकिस्तान को दुनिया भर में आतंकी राष्ट्र घोषित करना संभव हो सके। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही भारत 1986 में काउंटर टेररिज्म को लेकर दाखिल प्रस्ताव पर जल्द यूएन से निर्णय लेने का अनुरोध करेगा। यह प्रस्ताव वैश्विक स्तर पर आतंक पर सर्वसम्मति परिभाषा को लेकर सहमति न बन पाने के कारण यह अभी तक पास नहीं हो पाया है। सीसीएस की बैठक में निर्णय लिया गया है कि भारतीय सुरक्षा बल शांति और अमन बहाल रखने के लिए पूरा इंतजाम करेंगी और इस घटना को लेकर सबक सिखाने के लिए जरूरी कदम उठाएगी। बताया गया है कि सेना इसका मुंहतोड़ जवाब भी देगी।
पुलवामा अटैक के बाद सीसीएस की बैठक पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई। बैठक सुबह सवा नौ बजे शुरू हुई और एक घंटे से ज्यादा देर तक चली। इस बैठक में निर्मला सीतारमण, वितृत मंत्री अरुण जेटली, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, एनएसए अजीत डोभाल व अन्य प्रमुख सुरक्षा अधिकारी शामिल हुए। इसके बाद सुबह 11 बजे राजनाथ सिंह श्रीनगर के लिए रवाना होंगे। इस बीच एनआईए और एनएसजी की टीम भी मौके पर पहुंचने वाली है।