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25 साल बाद बसपा और शिअद का गठजोड़
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने तीन कृषि कानूनों को लेकर भारतीय जनता पार्टी से लेकर पिछले साल नाता तोड़ लिया था। सूत्रों ने बताया कि गठबंधन के बारे में दोनों पार्टियां आज आधिकारिक घोषणा कर सकती हैं। शिरोमणि अकाली दल (शिअद) का बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से 25 साल बाद फिर गठजोड़ होना तय है। सूत्रों के मुताबिक SAD और BSP के गठबंधन को लेकर बातचीत चल रही है। 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान बसपा को दोआबा की कुछ सीटों पर अच्छे वोट मिले हैं जिसे लेकर पार्टी उत्साहित है। माना जा रहा है कि बीएसपी 20 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है।
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एक साल चला था गठबंधन
आपको बता दे कि अकाली दल और बसपा साल 1996 के लोकसभा चुनाव के 25 साल बाद एक बार फिर हाथ मिला रहे हैं। साल 1996 के लोकसभा चुनाव में दोनों पार्टियों के गठबंधन ने पंजाब की 13 में से 11 सीटों पर जीत दर्ज की थी। मायावती के नेतृत्व वाली बसपा ने तब तीन सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि अकाली दल ने 10 में से आठ सीटों अपने नाम किया था। लेकिन एक साल बाद यानी 1997 के विधानसभा चुनाव तक आते आते यह गठबंधन टूट गया है। अकाली दल ने भाजपा के साथ नया गठजोड़ बना लिया।
बीजेपी, कांग्रेस और आप के साथ नहीं कर सकते गठबंधन
पिछले दिनों गठबंधन के सवाल पर सुखबीर बादल ने साफ कर दिया था कि उनकी पार्टी कांग्रेस, भाजपा और आम आदमी पार्टी (आप) को छोड़कर किसी के भी साथ गठबंधन के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि इन पार्टियों के साथ अब गठबंधन नहीं किया जा सकता। बीजेपी ने देश के किसानों के साथ धोखा किया है। ऐसे में भाजपा के साथ गठबंधन का कोई इरादा नहीं है। माना जा रहा है कि राज्य में 31 फीसदी दलित वोटों पर बसपा की अच्छी पकड़ है। पंजाब में दलितों की आबादी करीब 40 फीसदी है।