महत्वपूर्ण विभाग ना मिलने से हैं नाराज
उन्होंने कहा कि जबसे उन्होंने मंत्री पद संभाला है, तब से उन्हें कई फोन आ रहे हैं कि उन्हें महत्वपूर्ण विभाग क्यों नहीं सौंपे गए, जबकि एक-दो बार जीतने वाले विधायकों को अहम विभाग सौंपे गए हैं। इस तरह कोली समाज में भारी नाराजगी है। एक बयान में उन्होंने चेतावनी भी दी है कि कोली समाज की नाराजगी 2019 में भारी पड़ सकती है। सोलंकी ने बताया कि सीएम कार्यालय में भीड़ होने के कारण उनकी सीएम विजय रुपाणी से ज्यादा बातचीत नहीं हो सकी। हालांकि सीएम ने उनसे कहा कि वे चार-पांच दिन बाद इस संबंध में बातचीत करेंगे। सोलंकी ने बताया कि उन्हें सीएम रूपाणी जब भी समय देंगे, वे उनसे जरूर मिलेंगे।
उन्होंने कहा कि जबसे उन्होंने मंत्री पद संभाला है, तब से उन्हें कई फोन आ रहे हैं कि उन्हें महत्वपूर्ण विभाग क्यों नहीं सौंपे गए, जबकि एक-दो बार जीतने वाले विधायकों को अहम विभाग सौंपे गए हैं। इस तरह कोली समाज में भारी नाराजगी है। एक बयान में उन्होंने चेतावनी भी दी है कि कोली समाज की नाराजगी 2019 में भारी पड़ सकती है। सोलंकी ने बताया कि सीएम कार्यालय में भीड़ होने के कारण उनकी सीएम विजय रुपाणी से ज्यादा बातचीत नहीं हो सकी। हालांकि सीएम ने उनसे कहा कि वे चार-पांच दिन बाद इस संबंध में बातचीत करेंगे। सोलंकी ने बताया कि उन्हें सीएम रूपाणी जब भी समय देंगे, वे उनसे जरूर मिलेंगे।
नितिन पटेल के बाद पुरूषोत्तम सोलंकी दिखा रहे नाराजगी
इस तरह भाजपा की नई रची गई सरकार में एक के बाद एक लगातार मुश्किलें बढ़ती जा रही है। पहले उप मुख्यमंत्री ने वित्त विभाग नहीं सौंपे जाने को लेकर अपनी नाराजगी जताई थी, लेकिन वित्त विभाग सौंपे जाने के बाद उनकी नाराजगी दूर हो गई है। अभी यह मामाला शांत ही हुआ था कि अब मत्स्य उद्योग राज्यमंत्री सोलंकी की नाराजगी सामने आई है।
इस तरह भाजपा की नई रची गई सरकार में एक के बाद एक लगातार मुश्किलें बढ़ती जा रही है। पहले उप मुख्यमंत्री ने वित्त विभाग नहीं सौंपे जाने को लेकर अपनी नाराजगी जताई थी, लेकिन वित्त विभाग सौंपे जाने के बाद उनकी नाराजगी दूर हो गई है। अभी यह मामाला शांत ही हुआ था कि अब मत्स्य उद्योग राज्यमंत्री सोलंकी की नाराजगी सामने आई है।
45 सीटों पर कोळी समाज का वर्चस्व
राज्य की 182 विधानसभा सीटों में से करीब 45 पर कोली समाज का वर्चस्व है। भावनगर ग्रामीण सीट से जीत चुके 56 वर्षीय सोलंकी राज्य में कोली समाज के बड़े नेता माने जाते हैं। उन्होंने कहा है कि समाज जो निर्णय करेगा, उन्हें कबूल होगा।
राज्य की 182 विधानसभा सीटों में से करीब 45 पर कोली समाज का वर्चस्व है। भावनगर ग्रामीण सीट से जीत चुके 56 वर्षीय सोलंकी राज्य में कोली समाज के बड़े नेता माने जाते हैं। उन्होंने कहा है कि समाज जो निर्णय करेगा, उन्हें कबूल होगा।
कोली समाज के सर्वमान्य नेता हैं सोलंकी
कोली समाज के सर्वमान्य नेता माने जाने वाले सोलंकी को नए रुपाणी मंत्रिमंडल में बरकरार रखा गया है। वे तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार, पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन सरकार व रुपाणी की पहली सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं। 1961 में जन्मे सोलंकी इससे पहले श्रम व रोजगार विभाग के उपमंत्री, पशुपालन, गोसंवद्र्धन विभाग में राज्यमंत्री रह चुके हैं। 1992 में मुंबई के अंधेरी में पार्षद रह चुके सोलंकी गुजरात कोळी समाज, बॉडी बिल्डिंग एसोसिएशन समेत संस्थाओं से जुड़े रहे हैं।
कोली समाज के सर्वमान्य नेता माने जाने वाले सोलंकी को नए रुपाणी मंत्रिमंडल में बरकरार रखा गया है। वे तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार, पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन सरकार व रुपाणी की पहली सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं। 1961 में जन्मे सोलंकी इससे पहले श्रम व रोजगार विभाग के उपमंत्री, पशुपालन, गोसंवद्र्धन विभाग में राज्यमंत्री रह चुके हैं। 1992 में मुंबई के अंधेरी में पार्षद रह चुके सोलंकी गुजरात कोळी समाज, बॉडी बिल्डिंग एसोसिएशन समेत संस्थाओं से जुड़े रहे हैं।