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राफेल सौदे पर वित्त मंत्री ने किया कांग्रेस पर पलटवार, पूछा- ढाई साल बाद क्यों याद आई डील?

locationनई दिल्लीPublished: Nov 25, 2017 09:07:56 pm

Submitted by:

ashutosh tiwari

जेटली ने शनिवार को कांग्रेस को कोसते हुए कहा कि केन्द्र में दस वर्षों तक होते हुए भी यूपीए सरकार इस सौदे को लेकर कोई निर्णय नहीं ले सकी।

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अहमदाबाद. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के राफेल सौदा पर पलटवार करते हुए कहा कि यह दो सरकारों के बीच का सौदा था। जेटली ने भाजपा मीडिया सेन्टर में शनिवार को कांग्रेस को कोसते हुए कहा कि केन्द्र में दस वर्षों तक होते हुए भी यूपीए सरकार इस सौदे को लेकर कोई निर्णय नहीं ले सकी। देश के वायु सेना की आक्रामक क्षमता कमजोर हो रही थी। हमारी वायु सेना की प्राथमिकता थी कि राफेल लिया जाए। यह दो सरकारों के बीच का सौदा था।
मोदी सरकार में कुछ समय रक्षा मंत्री रह चुके जेटली ने कांग्रेस पर प्रहार करते हुए कहा कि यह वह लेन-देन नहीं था जो कभी कांग्रेस के जमाने में होता था, जिसमें हरेक सौदे में बिचौलिया होता था। इस सौदे में कोई क्वोत्रोच्चि नहीं था। यह देश की वायु सेना की आक्रामक क्षमता को मजबूत करने के लिए सौदा था। भाजपा के राज्य चुनाव प्रभारी जेटली ने राहुल पर चुटकी लेते हुए कहा कि उन्हें यह समझ में नहीं आ रहा है कि इस सौदे को ढाई वर्ष बीत चुके हैं इसे लेकर अब तक किसी ने सवाल नहीं उठाया, लेकिन अप्रैल 2015 के सौदे का मुद्दा गुजरात चुनाव के समय राहुल को कैसे याद आ गया। यह पूरी तरह से उत्तेजित करने वाला अभियान है जिसे चुनाव से जोड़ा गया है।
क्या था कांग्रेस का आरोप?
आपको बता दें कि कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि मोदी सराकर ने राफेल लड़ाकू विमानों के लिए फ्रांस की कंपनी डसाल्ट एवियेशन के साथ जो समझौता किया है उसके लिए ज्यादा पैसों का भुगतान किया गया है। कांग्रेस ने कहा था कि सरकार ने 526 करोड़ रुपए के विमानों का सौदा 1571 करोड़ में किया है। डसाल्ट एवियेशन भारतीय वायुसेना को 36 राफेल लड़ाकू विमान देगी।
रक्षा मंत्री ने कांग्रेस के बयान को बताया था शर्मनाक
राफेल विमानों को लेकर जारी राजनीति के बीच शुक्रवार को रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ऐसी राजनीति सुरक्षाबलों के लिए नुकसानदेह होगी। राफेल सौदे में भ्रष्टाचार के आरोपों पर रक्षा मंत्री सीतारमण ने कहा कि वायुसेना को जल्द से जल्द राफेल जैसे हाईटेक विमानों की जरूरत थी। इस वजह से सितंबर 2016 में 36 राफेल विमानों का सौदा तय किया गया। विमान की कीमत पर उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार जिन कीमतों पर विमान को खरीदने की योजना बना रही थी, उससे अच्छी कीमतों पर हमने सौदा तय किया है। इस वजह से दामों को लेकर सवाल उठाना दुखद है।

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