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सेना में महिलाओं को स्थायी कमिशन देने के मामले में राहुल ने मोदी सरकार को घेरा, वकील नवदीप सिंह ने कहा- सियासत न करें

locationनई दिल्लीPublished: Feb 17, 2020 08:51:23 pm

Submitted by:

Anil Kumar

राहुल गांधी ( Rahul Gandhi ) ने केंद्र पर महिलाओं का अपमान करने का आरोप लगाते हुए कोर्ट के फैसले को मोदी सरकार ( Modi Government ) की हार बताया
हाईकोर्ट के वकील नवदीप सिंह ने इस मामले पर सियासत न करने की नसीहत दी

rahul gandhi

Congress Leader Rahul Gandhi (File Photo)

नई दिल्ली। सेना में महिलाओं को स्थायी कमिशन देने के मामले पर अब सियासी जंग शुरू हो गया है। दरअसल, महिलाओं को सेना में स्थायी कमीशन देने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला।

सोमवार को राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर महिलाओं का अपमान करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि देश की महिलाओं ने मोदी सरकार को गलत साबित किया है। हालांकि राहुल के बयान पर हाईकोर्ट के वकील नवदीप सिंह ने प्रतिक्रिया दी और इस मामले पर राजनीति न करने की नसीहत दी।

राहुल ने क्या कहा?

बता दें कि सेना में महिलाओं को स्थायी कमिशन देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि मोदी सरकार की महिलाओं के प्रति मानसिकता में बदलाव लाने की जरूरत है।

राहुल के ट्वीट को भारत के खिलाफ इस्तेमाल करता है पाकिस्तान : शाहनवाज

उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा ‘सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में यह दलील दी कि महिला आर्मी अफसर कमांड पोस्ट या पर्मानेंट सर्विस के योग्य नहीं हैं क्योंकि वे पुरुषों से कमतर है। ऐसा करके सरकार ने सभी भारतीय महिलाओं का अपमान किया है। मैं भारत की महिलाओं को आवाज उठाने और बीजेपी सरकार को गलत साबित करने के लिए बधाई देता हूं।’

https://twitter.com/SinghNavdeep/status/1229349386083155968?ref_src=twsrc%5Etfw

कोर्ट के फैसले पर सियासत न करें: नवदीप

राहुल गांधी के ट्वीट पर हाईकोर्ट के वकील नवदीप सिंह ने रीट्वीट करते हुए कहा कि ऐसे मामलों और कोर्ट के फैसलों पर सियासत नहीं होनी चाहिए। नवदीप ने राहुल को याद दिलाया और बताया कि हाई कोर्ट के फैसले को 2010 की तत्कालीन केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, न कि मौजूदा सरकार ने।

उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा ‘दिल्ली हाई कोर्ट ने महिला अफसरों को यह लाभ देते हुए आदेश दिया था और उस फैसले के खिलाफ 2010 में अपील दायर हुई थी, तब मौजूदा सरकार सत्ता में नहीं थी। वैसे मेरा मत है कि ऐसे मसलों और न्यायिक फैसलों का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए।’ बता दें कि उस दौरान यानी 2010 में केंद्र में कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए की सरकार थी।

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