जनसभा में किया था यात्रा का ऐलान
दरअसल उनके कार्यालय से ऐसे किसी यात्रा की कोई पुष्टि नहीं की गई है और नाही राहुल गांधी की ओर से इस यात्रा के लिए कोई आवेदन किया गया है। आपको बता दें कि कर्नाटक चुनाव के दौरान हुए उस हेलिकॉप्टर हादसे के बाद उन्होंने 29 अप्रैल को दिल्ली में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था जब हेलीकॉप्टर में गड़बड़ी हुई थी तो उनके मन में ख्याल आया था कि उन्हें कैलाश मानसरोवर यात्रा करनी चाहिए। उन्होंने उस वक्त अपने कार्यकर्ताओं से कर्नाटक चुनाव के बाद 15 दिन की छुट्टी मांगी थी ताकि वे अपनी कैलाश यात्रा कर सकें।
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दादी और खुद को बताया है शिव का भक्त
देश में हाल की स्थिति देखी जाए तो कई प्रमुख पार्टियां खुद को दूसरे से अधिक हिंदुत्व की उपासक बताने की होड़ में हैं। खुद राहुल गांधी पिछले कुछ समय में ऐसे कई दावे करते नजर आए हैं। उन्होंने कई बार अपनी दादी और खुद को शिव का भक्त बताया है।
मानसरोवर यात्रा 12 जून से 19 अगस्त तक
पार्टी से जुड़े लोगों की माने तो तय समय के भीतर इस यात्रा के लिए आवेदन नहीं डाला,जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि वो यात्रा पर नहीं जाएंगे। गौरतलब है कि कैलाश मानसरोवर जाने के लिए श्रद्धालुओं को मार्च-अप्रैल में ही आवेदन करना पड़ता है। भरे गए आवेदनों में से मई में ड्रॉ निकाला जाता है। धारचूला से इस बार की मानसरोवर यात्रा 12 जून से शुरू हो रही है। यात्रा में हर चौथे दिन एक जत्था जाएगा। 12 से शुरू हुई ये यात्रा 19 अगस्त तक चलेगी। इस तरह यात्रा में कुल 18 जत्थे जाएंगे। जानकारी के मुताबिक सिक्किम के बागडोगरा से करीब पांच सौ लोगों को इस साल कैलाश यात्रा करने की अनुमति मिली है।