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लड़ाकू विमान सौदा: राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर कसा तंज, अपनों को फायदा पहुंचाने के लिए दोबारा टेंडर

locationनई दिल्लीPublished: Apr 07, 2018 07:58:47 pm

Submitted by:

Prashant Jha

राहुल गांधी ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी विमान सौदे के लिए अपने मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए दोबारा टेंडर आमंत्रित किए हैं।

fighter jet deal
नई दिल्ली: मोदी सरकार द्वारा लड़ाकू विमान की खरीदारी प्रक्रिया पर सियासत भी शुरू हो गई है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जोरदार हमला बोला है। राहुल गांधी ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी विमान सौदे के लिए अपने मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए दोबारा टेंडर आमंत्रित किए हैं। राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि ‘मोदी स्कैम अलर्ट, 1.15 लाख करोड़ रुपए की फाइटर जेट डील के लिए फिर से टेंडर निकाला गया है ताकि प्रधानमंत्री के दोस्त रणनीतिक साझेदार बन सकें।’ कांग्रेस अध्यक्ष ने लिखा, ‘राफेल डील से सरकारी खजाने को 40 हजार करोड़ रुपए का नुकसान फ्रांस को सायोनारा (जापानी भाषा में गुडबाय) राशि थी, ताकि पीएम टेंडर का फिर से निकालकर अपने दोस्तों को फायदा पहुंचाएं।’
राहुल ने सरकार पर लगाए आरोप

राहुल गांधी का आरोप है कि कहा कि 36 विमानों को तीन गुनी ज्यादा कीमत पर खरीदा गया है। सरकार ने 59,000 करोड़ रुपए के इस विमान सौदे के बारे में तथ्य सार्वजनिक नहीं किए हैं । गौरतलब है कि भारत पड़ोसी दुश्मनों से निपटने के लिए सुरक्षा को चाक-चौबंद करने में लगा हुआ है। भारतीय वायुसेना को मजबूती प्रदान करने के लिए भारत सरकार 110 फाइटर प्लेन खरीदने का फैसला किया है। शुक्रवार को सरकार ने इस डील की टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके लिए वायुसेना ने दुनियाभर की बड़ी एयरक्राफ्ट कंपनियों से आवेदन मांगे हैं।
दुनिया का सबसे बड़ा रक्षा सौदा

110 लड़ाकू विमान के लिए जारी किया टेंडर 110 फाइटर प्लेन की जरूरत को पूरा करने के लिए सरकार की तरफ से शुरू किए गए प्रोसेस के बारे में इंडियन एयरफोर्स ने अपनी वेबसाइट पर बताया है। वायुसेना ने वेबसाइट पर कंपनियों के लिए ‘रिक्वेस्ट फॉर इन्फॉर्मेशन’ (आरएफआई) जारी किए हैं। आपको बता दें कि बीते कुछ सालों में ये किसी भी देश की ओर से ये एयरक्राफ्ट्स का सबसे बड़ा ऑर्डर हैं। अगर ये सौदा होता है तो ये दुनिया का सबसे बड़ा रक्षा सौदा भी होगा।
लड़ाकू विमान की कमी से जूझ रही है वायुसेना

बता दें कि भारतीय वायुसेना के पास अभी जरूरत की 39 स्क्वाड्रन के मुकाबले सिर्फ 32 कॉम्बैट स्क्वाड्रन हैं। एक स्कवाड्रन में करीब 16 से 18 फाइटर जेट्स होते हैं। योजना के मुताबिक, स्क्वाड्रन्स को बढ़ाकर 42 किया जाना है। यानी अभी वायुसेना को करीब 112 फाइटर जेट्स की जरूरत है। हालांकि 5 साल पहले ही भारत ने डसॉल्ट एविएशन के साथ 126 एयरक्राफ्ट्स की डील को खत्म कर दी थी। इसके बजाय सरकार ने सितंबर 2016 में फ्रांस के साथ करीब 59 हजार करोड़ रूपए में 36 राफेल एयरक्राफ्ट की डील की थी।
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