नई दिल्ली। राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी ने निर्दलीय सदस्य विजय माल्या का इस्तीफा बुधवार को स्वीकार कर लिया। उप सभापति पी जे कुरियन ने देर शाम सदन को सूचित किया कि माल्या ने तीन मई को अपना इस्तीफा भेजा था जिसे सभापति ने मंजूर कर लिया। किंगफिशर एयरलाइंस के मालिक माल्या पर देश के कई बैंकों का नौ हजार करोड़ रुपए से अधिक बकाया है। वह गत मार्च में देश से बाहर चले गए थे। इससे पहले, आचार समिति ने मंगलवार को उनकी सदस्यता बर्खास्त करने की मांग की थी।
माल्या ने सोमवार को अपना इस्तीफा सदन की आचार समिति को भेजा था। उन पर देश के कई बैंकों का नौ हजार करोड़ रुपए से अधिक बकाया है। उनके खिलाफ इस पर न्यायालय में मामला चल रहा है। सूत्रों के अनुसार माल्या को कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य डा. कर्ण सिंंह की अध्यक्षता वाली आचार समिति को मंगलवार तक अपना जवाब देना था, लेकिन इससे पहले ही उन्होंने सोमवार को अपना इस्तीफा समिति को भेज दिया।
समिति ने डा. अंसारी से सिफारिश की कि फैक्स के जरिए भेजे गए उनके इस्तीफे को स्वीकार नहीं किया जाए क्योंकि यह निर्धारित प्रारूप के अनुरूप नहीं है। गौरतलब है कि आचार समिति ने गत सप्ताह अपनी बैठक में सर्वसम्मति से माल्या की सदस्यता रद्द करने का निर्णय लिया था और उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए एक सप्ताह का नोटिस दिया था जिसकी अवधि मंगलवार समाप्त होने वाली था।