उच्चन सदन में हंगामा करने वाले आठ सांसदों को सभापति वेंकैया नायडू ने सस्पेंड कर दिया है। निलंबित किए गए सांसदों में डेरेक ओ ब्रायन, संजय सिंह, राजू सातव, केके रागेश, रिपुन बोरा, डोला सेन, सैयद नजीर हुसैन और एलमारन करीम प्रमुख रूप से शामिल हैं।
गांधी प्रतिमा पर धरना
निलंबित किए सांसदों ने अपनी-अपनी पार्टी के अन्य सदस्यों के साथ गांधी प्रतिमा पर धरना दिया। वहीं, बीजेपी नेता और संसदीय कार्यमंत्री ने विपक्षी सांसदों के व्यवहार को ‘गुंडागर्दी’ करार दिया है।
विपक्ष में आक्रोश
आठ सांसदों के निलंबन ने विपक्ष को जबरदस्त आक्रोशित कर दिया। तृणमूल कांग्रेस ने कहा इस तरह की कार्रवाई सरकार की निरंकुश मानिसकता दर्शाती है। पार्टी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा भाजपा पर लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगाया। यही नहीं ममता ने कहा कि वे संसद से लेकर सड़क तक हर जगह फासीवादी सरकार से लड़ेगी।
वहीं विपक्ष के सांसदों के सदन में प्रदर्शन से लेकर हंगामे और उसके बाद धरने पर बैठने को लेकर एनडीए घटक दल जेडीयू के नेता और बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि विपक्ष के विरोध के तरीका ठीक नहीं।
सदन की कार्यवाही सासंदों को निलंबित किए जाने के बाद हंगामे के चलते कई बार निलंबित हुई। पहले इसे 10 बजे निलंबित किया गया, इसके बाद 10.30 तक के लिए फिर 11 बजे और उसके बाद ज्यादा हंगामा होने पर 112 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा।
नायडू ने उपसभापति हरिवंश के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया। उन्होंने बताया कि विपक्ष ने जो प्रारूप प्रस्तुत किया है वो सही नहीं है।