राम माधव ने कहा कि- ‘मैं लोगों से कहना चाहता हूं कि ऐसे नेताओं को कहें कि पहले वे अपना बलिदान दें और फिर अन्य लोगों को ऐसा करने के लिए कहें।’ माधव ने लोगों से प्रोपोगेंडा का शिकार न होने का आग्रह किया।
माधव ने आगे कहा कि- ‘ऐसी राजनीति नहीं चल सकती है। नया प्रशासन ‘सबका साथ, सबका विकास’ के साथ ही चलेगा। यही मोदी सरकार का सिद्धांत है।’ उन्होंने कहा कि अगर 200-300 लोगों को नजरबंद रखने से शांति मिलती है, तो उन्हें वहां कुछ और देर के लिए रहने दें। हम विकास और शांति के रास्ते पर चलेंगे और यदि ऐसा करने के लिए 200-300 लोगों को नजरबंद भी रखना पड़ा तो हम रखेंगे।’
राम माधव ने अपने संबोधन में कहा कि- कश्मीर में पिछले कुछ महीनों में हिंसा की घटनाओं में कमी आई है, अब वह नाम मात्र की रह गई हैं। जम्मू-कश्मीर के लिए केवल दो रास्ते हैं- शांति और विकास। उन्होंने जोर देकर कहा कि- ‘इसमें जो कोई भी बाधा बनेगा उसके साथ दृढ़ता से निपटा जाएगा। भारत में ऐसे लोगों के लिए कई जेल हैं।’
माधव ने कहा कि नेहरू ने खुद कहा था कि धारा 370 समय के साथ धीरे-धीरे घिस जाएगा, लेकिन अब इसे भावना के रूप में संदर्भित किया जा रहा है। भाजपा महासचिव ने कहा कि- ‘लोगों की भावना से बड़ी कोई भावना नहीं है।’
इस अफवाह पर कि धारा 370 को हटाए जाने के बाद नौकरी और जमीन भी चली जाएगी, माधव ने जवाब दिया कि ‘लोगों के हित के खिलाफ कुछ भी नहीं किया जाएगा। प्रत्येक नौकरी इस क्षेत्र के लोगों को मिलेगी।’