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भाजपा की कश्मीर-नीति पर बोले महासचिव राम माधव, अब घाटी में आतंकियों के साथ कोई रहम नहीं

locationनई दिल्लीPublished: Jun 20, 2018 10:55:36 pm

Submitted by:

Anil Kumar

बुधवार को भाजपा महासचिव राममाधव ने ऐलान करते हुए कहा है कि उनकी पार्टी आतंकियों पर किसी भी तरह का कोई रहम नहीं दिखाएगी।

भाजपा महासचिव राम माधव

भाजपा की कश्मीर-नीति पर बोले महासचिव राम माधव, अब घाटी में आतंकियों के साथ कोई रहम नहीं

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में भाजपा और पीडीपी का गठबंधन टूटने के बाद से राज्य में राज्यपाल शासन लागू हो गया है। इस बीच बुधवार को भाजपा महासचिव राममाधव ने ऐलान करते हुए कहा है कि उनकी पार्टी आतंकियों पर किसी भी तरह का कोई रहम नहीं दिखाएगी। बता दें कि भाजपा की ओर से आतंकियों पर कोई भी रहम नहीं दिखाने की रणनीति की बात ऐसे वक्त में आया है जब नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भाजपा-पीडीपी गठबंधन टूटने के बाद कहा था ये गठबंधन की सरकार राज्य में आतंकवाद से निपटने में नाकाम रही है। हालांकि महबूबा मुफ्ती ने इस्तीफा देने के बाद प्रेस वार्ता में कहा था कि ‘हमने हमेशा कहा है कि जम्मू और कश्मीर में मस्कुलर सिक्यॉरिटी पॉलिसी काम नहीं करेगी, सुलह ही मुख्य रास्ता है।’ बता दें कि उमर अब्दुल्ला भी केंद्र सरकार की आक्रमक रणनीति पर चिंता जाहिर कर चुके हैं। एक ट्वीट करते हुए उन्होंने घाटी में बढ़ी आतंकी घटनाओं के लिए भाजपा-पीडीपी गठबंधन वाली ‘मस्कुलर सरकार’ को जिम्मेदार बताया था। अपने ट्वीट में अब्दुल्ला ने लिखा था कि ‘सरकार की नीतियों की नाकामी पीडीपी और भाजपा की संयुक्त नाकामी है। दोनों में से कोई भी खुद को इस आरोप से मुक्त नहीं कर सकता।’

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आतंकियों के सफाया के लिए भाजपा का 4 सूत्री फॉर्म्युले

आपको बता दें कि भाजपा की आतंकियों पर कोई ही रहम नहीं दिखाने की नीति जम्मू और कश्मीर में आतंकवाद से निपटने के भाजपा के 4 सूत्री फॉर्म्युले का हिस्सा है। इससे इतर तीन अन्य फॉर्म्युले हैं जिसमें ओवर ग्राउंड वर्कर्स (OGWs) के साथ कानूनी तरीके से निपटना, हुर्रियत समेत सभी हितधारकों के साथ बातचीत और विकास को बढ़ावा देना शामिल है। आपको बता दें कि राम माधव ने आरोप लगाते हुए कहा है कि पीडीपी ने ‘घरेलू राजनीतिक मजबूरियों’ के सामने घुटने टेक दिए और ‘अपने वादों पर खरे उतरने में नाकाम’ रही। दोनों दलों के बीच गठबंधन टूटने के लिए राम माधव ने पीडीपी की मांग को जिम्मेदार बताया है। उन्होंने कहा कि रमजान में किए गए एकतरफा सीजफायर को आगे बढ़ाने के संबंध में पीडीपी अपनी मांग को लेकर अडी रही जबकि भाजपा इसे खत्म करना चाहती थी। इसके अलावे राम माधव ने कहा कि राइजिंग कश्मीर के संपादक शुजात बुखारी और सेना के जवान औरंगजेब की निर्मम हत्या पर भी महबूबा ने कुछ नहीं किया। इसलिए भाजपा आतंकियों को सबक सिखाने के लिए सीजफायर को खत्म करने पर सहमत थी लेकिन पीडीपी नहीं चाहती थी की सीजफायर खत्म हो। बता दें कि मई में केंद्र सरकार ने पवित्र रमजान माह के दौरान एकतरफा संघर्ष विराम का ऐलान किया था।

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