बता दें कि पटना में हर साल राम लीला समिति राम लीला का मंचन कराती है। इस बार प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए इस पर पाबंदी लगा दी है। नीयत पर सवाल
प्रशासन के इस रुख को देखते हुए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने अपनी ही सरकार की नीयत पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इसे लेकर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है कि शायद राज्य कोई बड़ा संकट में होगा। शायद बिहार के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री बिहार मे बाढ़ और सुखाड़ की समस्या को लेकर कुछ ज्यादा ही चिंतित होंगे।
प्रशासन के इस रुख को देखते हुए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने अपनी ही सरकार की नीयत पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इसे लेकर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है कि शायद राज्य कोई बड़ा संकट में होगा। शायद बिहार के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री बिहार मे बाढ़ और सुखाड़ की समस्या को लेकर कुछ ज्यादा ही चिंतित होंगे।
गलत निर्णय
उन्होंने कहा कि धार्मिक गतिविधियों पर बंदिश लगाना धर्म के साथ खिलवाड़ करना है। राम लीला का मंचन भगवान राम के होने और उन आदर्श मूल्यों की याद दिलाता है जिसे हिंदुओं के अराध्य देव ने खुद एक आम इंसान की तरह सामना किया था। उन्होंने साफ कर दिया है कि मूझे नहीं लगता रामलीला के लिए इजाजात न देना सही है।
उन्होंने कहा कि धार्मिक गतिविधियों पर बंदिश लगाना धर्म के साथ खिलवाड़ करना है। राम लीला का मंचन भगवान राम के होने और उन आदर्श मूल्यों की याद दिलाता है जिसे हिंदुओं के अराध्य देव ने खुद एक आम इंसान की तरह सामना किया था। उन्होंने साफ कर दिया है कि मूझे नहीं लगता रामलीला के लिए इजाजात न देना सही है।
राजनीतिक रंग देना उचित नहीं
सरकार के इस रुख से गिरिराज सिंह ही नहीं रामलीला समिति के अध्यक्ष और जेडीयू के पदाधिकारी कमल नोपनी को बच बचकर बयान देना पड़ रहा हैंं। कमल नोपानी ने कहा कि सुरक्षा कारणों से रामलीला करने की अनुमति नहीं मिली और उनकी तैयारी भी पूरी नहीं हो पाई है।
सरकार के इस रुख से गिरिराज सिंह ही नहीं रामलीला समिति के अध्यक्ष और जेडीयू के पदाधिकारी कमल नोपनी को बच बचकर बयान देना पड़ रहा हैंं। कमल नोपानी ने कहा कि सुरक्षा कारणों से रामलीला करने की अनुमति नहीं मिली और उनकी तैयारी भी पूरी नहीं हो पाई है।
गिरिराज सिंह के बयान पर नोपानी ने कहा कि इस मामले को राजनीतिक रूप नहीं देनी चाहिए। रामलीला समारोह नहीं होने से समिति में भी असमंजस और निराशा है।