राजनीतिक दलों में राष्ट्रपति उम्मीदवार के लिए कुछ नामों पर विचार विमर्श जारी है, जबकि कुछ दलों ने अपने पत्ते खोलते हुए नाम सुझाए हैं।
नई दिल्ली। नई दिल्ली। राजनीतिक दलों में राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी को लेकर उठापटक का दौर जारी है। एक ओर जहां भाजपा उम्मीदवार को लेकर आम सहमति बनाना चाह रही है, वहीं विपक्ष भी हार मानने को तैयार नहीं है।
शुक्रवार को भाजपा नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से इस मसले पर बातचीत की, लेकिन कोई आम सहमति नहीं बन पाई। सरकार और विपक्ष की ओर से अभी तक राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए किसी नाम की घोषणा नहीं की गई है। लेकिन दोनों ही खेमों से कई नामों पर चर्चा चल रही है। आइए हम आपको बताते हैं दोनों खेमों के संभावित उम्मीदवार कौन हैं—
राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के दावेदार
-सुमित्रा महाजन
सुमित्रा महाजन ने 1989 के आम चुनाव में पहली बार लोकसभा चुनाव में भाग लिया और उन्होंने कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्राकाश चंद्र सेठी को हराया। इससे पहले इंदौर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से वो लगातार तीन विधान सभा चुनाव हार चुकी थीं। सुमित्रा मानव संसाधन, संचार तथा पेट्रोलियम मंत्रालय का जिम्मा भी संभाल चुकी हैं। वो आठ बार लोकसभा चुनाव जीतने वाली प्रथम महिला सांसद हैं
-मोहन भागवत
मोहन मधुकर भागवत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक हैं। उन्हें एक व्यावहारिक नेता के रूप में देखा जाता है। के एस सुदर्शन ने अपनी सेवानिवृत्ति पर उन्हें अपने उत्तराधिकारी के रूप में चुना था।
– द्रोपदी मुरमू (झारखण्ड राज्यपाल)
द्रौपदी मुर्मू झारखण्ड की प्रथम महिला राज्यपाल हैं। वो पहली ओडिया नेता हैं जिन्हें किसी भारतीय राज्य की राज्यपाल नियुक्त किया गया है। द्रौपदी मुर्मू भारतीय जनता पार्टी और बीजू जनता दल की गठबन्धन सरकार में 6 मार्च 2000 से 6 अगस्त 2002 तक वाणिज्य और परिवहन के लिए स्वतंत्र प्रभार की राज्य मंत्री तथा 6 अगस्त 2002 से 16 मई 2004 तक मत्स्य पालन और पशु संसाधन विकास राज्य मंत्री रहीं।
– लालकृष्ण आडवाणी
लालकृष्ण आडवाणी भाजपा वरिष्ठ नेता हैं। भाजपा को भारतीय राजनीति में एक प्रमुख पार्टी बनाने में उनका योगदान सर्वोपरि कहा जा सकता है। वे कई बार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं। जनवरी 2008 में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने लोकसभा चुनावों को आडवाणी के नेतृत्व में लड़ा था।
– सुषमा स्वराज
सुषमा स्वराज भारत की विदेश मंत्री हैं। वे वर्ष 2009 में भारत की भाजपा द्वारा संसद में विपक्ष की नेता चुनी गयी थीं, इस नाते वे भारत की पन्द्रहवीं लोकसभा में प्रतिपक्ष की नेता रही हैं। इसके पहले भी वे केन्द्रीय मन्त्रिमण्डल में रह चुकी हैं तथा दिल्ली की मुख्यमन्त्री भी रही हैं।
– ई-श्रीधरन (मेट्रोमेन)
ई श्रीधरन भारत के एक प्रख्यात सिविल इंजीनियर हैं। वे 1995 से 2012 तक दिल्ली मेट्रो के निदेशक रहे। उन्हें भारत के ‘मेट्रो मैन’ के रूप में भी जाना जाता है। भारत सरकार ने उन्हें 2001 में पद्म श्री तथा 2008 में पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया।
– स्वामीनाथन (शिवसेना की ओर से)
एम एस स्वामिनाथन पौधों के जेनेटिक वैज्ञानिक हैं जिन्हें भारत की हरित क्रांति का जनक माना जाता है। उन्होंने 1966 में मैक्सिको के बीजों को पंजाब की घरेलू किस्मों के साथ मिश्रित करके उच्च उत्पादकता वाले गेहूं के संकर बीज विकिसित किए। उन्हें विज्ञान एवं अभियांत्रिकी के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन 1972 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।
यूपीए….
– शरद पवार
1990 तक शरद पवार बारामती से 1967 में पहली बार के लिए महाराष्ट्र विधानसभा में प्रवेश किया।
यशवंतराव चव्हाण शरद पवार की राजनीतिक संरक्षक था। पवार ने 1981 में कांग्रेस के प्रेसीडेंसी पदभार संभाला। पवार केन्द्र के मुख्य मंत्रालयों की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं। कांग्रेस से अलग होकर उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी पार्टी बनाई।
गोपाल कृष्ण गांधी (पूर्व राज्यपाल बंगाल)
गोपालकृष्ण गांधी एक भारतीय सिविल सेवक और डिप्लोमैट, पश्चिम बंगाल के पुर्वतन राज्यपाल (2004 से 2009) है। भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व सदस्य के रूप में, उन्होंने अन्य प्रशासनिक और कूटनीतिक पदों के बीच भारत के राष्ट्रपति के सचिव के रूप में और दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका के उच्चायुक्त के रूप में सेवा की।
शिव सेना ने सुझाया नाम
शिवसेना ने अपनी ओर से भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को सुझाव दिया है कि यदि मोहन भागवत को देश का राष्ट्रपति नहीं बना सकते तो वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को भारत का राष्ट्रपति बनाया जाए। शिव सेना नेता संजय राउत ने बताया कि पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को एमएस स्वामीनाथन के नाम का सुझाव दिया है।
28 जून तक नामांकन
नामांकन भरने की आखिरी तिथि 28 जून 2017 है। साथ ही नामांकन पत्रों की स्क्रूटनी 29 जून 2017 को की जाएगी और नामांकन पत्र को वापस लेने की तिथि 1 जुलाई 2017 है। चुनाव आयोग ने कहा है कि यदि चुनाव आवश्यक हुआ तो 17 जुलाई 2017 को होगा। मतगणना का समय सुबह 10 बजे से 5 बजे तक ही होगा। उन्होंने कहा कि मतगणना 20 जुलाई को संपन्न होगी।