scriptराहुल गांधी ने आंदोलन के दौरान मरने वाले किसानों को बताया शहीद | Rauhal Gandhi called the martyrs of the farmers' movement, paid homage | Patrika News

राहुल गांधी ने आंदोलन के दौरान मरने वाले किसानों को बताया शहीद

locationनई दिल्लीPublished: Dec 20, 2020 11:37:31 am

Submitted by:

Saurabh Sharma

राुहल ने ट्विटर पर ट्वीट कर मृतक किसानों की तस्वीरों को किया साझा
राहुल गांधी ने कहा, किसानों का संघर्ष और बलिदान अवश्य रंग लाएगा

rahul gandhi

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नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली के बार्डर पर पंजाब के किसान डेरा जताए बैठे हैं। किसानों ने साफ कर दिया है कि जब तक कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया जाएगा, जब तक वो यहां से नहीं हटेंगे। दुख की बात यह है कि यहां पर बैैठे 30 ज्यादा किसानों की मौतें हो चुकी हैं। जिन्हें राहुल गांधी ने शहीद की उपाधी दी है। साथ ही यह भी कहा है कि उनका बलिदान अवश्य रंग लाएगा। इससे पहले उन्होंने एक मीडिया रिपोर्ट जिसमें पंजाब के 22 किसानों की मौत की खबर थी को ट्वीट कर कहा था कि आखिर आखिर कितने अन्नदाताओं को कुर्बानी देनी होगी।

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मृतक किसानों को शहीद का दर्जा
कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी ने किसान आंदोलन में मरने वाले किसानों को शहीद का दर्जा दे दिया है। उन्होंने आज ट्वीट किया जिसमें मृतक लोगों की तस्वीरें भी लगी हुई हैं। इस ट्वीट में उनके नाम और जगह भी दर्ज हैं। पोस्टर की तरह लगने वाली इस तस्वीर में शहीद किसान अमर रहें। किसान एकता जिंदाबाद के नारे भी लगे हुए हैं। साथ ही किसान संघर्ष समिति, जन आंदोलन का राष्ट्रीय समन्वय, अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति और संयुक्त मोर्चा के नाम भी दिए हुए हैं।

https://twitter.com/RahulGandhi/status/1340525287671439360?ref_src=twsrc%5Etfw

राहुल गांधी ने क्या लिखा
इस पोस्टर को राहुल गांधी की ओर से अपने ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किया और मृतक लोगों को शहीद से संबोधित किया। उन्होंने लिखा कि किसानों का संघर्ष और बलिदान अवश्य रंग लाएगा, उन्होंने अपनी अगली लाइन में कहा कि किसान भाइयों-बहनों को नमन और श्रद्धांजलि। राहुल गांधी पहले भी इसी तरह की बातों को ट्विटर के माध्यम से कह चुके हैं। 18 दिसंबर को उन्होंने एक मीडिया रिपोर्ट साझा की थी। जिसमें आंदोलन के दौरान पंजाब के 22 किसानों की मौत की बात सामने आई थी। जिसे शेयर करते हुए राहुल गांधी ने कहा था कि और कितने अन्नदाताओं को क़ुर्बानी देनी होगी? कृषि विरोधी क़ानून कब ख़त्म किए जाएंगे?

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25 दिन से बैठे हैं किसान
कृषि कानूनों के खिलाफ किसान प्रदर्शनकारी दिल्ली-यूपी बॉर्डर और दिल्ली सिंधु बॉर्डर पर डटे हुए हैं, प्रदर्शनकारी किसान कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अगर सरकार द्वारा कानून खत्म कर दिए जाएं और हम दो घंटे में चले जाएंगे। किसान संगठनों और सरकार के बीच 4 दौर की वार्ता हो चुकी है। अभी तक इन वार्ताओं का कोई परिणाम सामने नहीं आया है। वहीं सुप्रीम कोर्ट भी सरकार से कह चुकी है कि जब तक वो किसान संगठनों को नहीं सुनेगी तब तक उन्हें बॉर्डर से हटने का आदेश नहीं दिया जाएगा।

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