31 अगस्त को कर दिया था नई पार्टी का ऐलान
आपको बता दें कि राजकुमार सैनी जुलाई में बीजेपी से बागी हो गए थे। उन्होंने पहले ही नई पार्टी बनाने का ऐलान कर दिया था। हालांकि नई पार्टी बनाने की बात उन्होंने 31 अगस्त को ही कह दी थी। 2 सितंबर को रैली का आयोजन पार्टी के स्थापना दिवस के रूप में किया गया है। रैली से एक दिन पहले शनिवार को कुरुक्षेत्र में अपने आवास पर सैनी ने कहा है कि वह अन्याय के खिलाफ कुछ भी सहने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि यदि वह गलत हैं तो उनको पार्टी (बीजेपी) से निकाला जा सकता है।
बीजेपी पर लगाया वादाखिलाफी का आरोप
बताया जा रहा है कि बीजेपी से उनकी नाराजगी की वजह जाट आरक्षण के वक्त खट्टर सरकार की कार्यशैली रही है। उनका कहना है कि बैकवर्ड समाज के 90 फीसदी वोट बीजेपी को मिले, इसके बाद भी उनके साथ बुरा बर्ताव हुआ। सैनी ने कहा कि जिन लोगों ने आग लगाई, दुकानें जलाईं उन्हें मुआवजे दिए गए। सैनी का कहना है, ‘हम कमजोर तबके के खिलाफ जाकर काम नहीं कर सकते और अगर करेंगे तो वह चुनावों में फैसला सुना देगा।’
आरक्षण पर राजकुमार सैनी की क्या है राय?
आरक्षण के सवाल पर भी राजकुमार सैनी स्पष्ट राय रख चुके हैं। सैनी ने कहा, ‘मैं आरक्षण के खिलाफ नहीं हूं। मैंने 100 परसेंट आरक्षण की बात की है। हर जगह आरक्षण का बवाल हो रहा है। मराठा, कापू, पटेल, जाट, गुर्जर, ब्राह्मण, राजपूत…सब आरक्षण की बात कर रहे हैं, इसलिए मैं कहता हूं कि सबको जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण दे देना चाहिए। जिस जाति की आबादी जितने प्रतिशत है, उसे उतने ही आरक्षण दे दिया जाए।’
राजकुमार सैनी अपनी नई पार्टी का एजेंडा कुछ इस प्रकार बताते हैं:
-जनसंख्या के अनुपात में 100 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था
-हर घर से एक रोजगार की नीति लागू करना
-किसानों और मजदूर नीति को मनरेगा के साथ जोड़ना
-‘हम दो, हमारे दो’ की नीति सफलतापूर्वक लागू करना
इन सभी नीतियों के साथ ही राजकुमार सैनी राज्यसभा की व्यवस्था खत्म करने के भी पक्षधर हैं।