दरअसल बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में कम सीटों के अंतर से सरकार बनाए जाने के बाद सत्ताधारी गबंधन के मुख्य साझीदार जदयू और मुख्य विपक्षी दल राजद के बीच घमासान छिड़ा हुआ है। साल 2021 में पड़ रहे हैं चार ग्रहण, जानिए किस पड़ेंगे सूर्य तो किन तारीखों को लगेगा चंद्र ग्रहण
अरूणाचल प्रदेश की घटना के बाद से राजद ने जेडीयू को घेरना शुरू कर दिया है। बुधवार को जहां आरजेडी नेता श्याम रजक ने जेडीयू के 17 विधायकों के टूटकर राजद में आने का दावा किया तो वहीं गुरुवार को एक और राजद नेता ने जेडीयू में टूट का दावा कर डाला।
इस बार राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने पार्टी के सहयोगी और पूर्व मंत्री श्याम रजक के बयान से आगे बढ़ते हुए दावा किया है कि जदयू में टूट होना तय है, पार्टी अपने विधायकों को बचा सकती है बचा ले।
तिवारी ने ये बात एक निजी चैनल पर बातचीत के दौरान कही। उन्होंने कहा कि जेडीयू अपनी पूरा जोर भी लगा ले तो विधायकों को पार्टी छोड़ने से नहीं रोक नहीं पाएगी। आपको बता दें कि अरुणाचल प्रदेश में बीजेपी ने जिस तरह जेडीयू के 6 विधयाकों को पार्टी में शामिल कर लिया था, इससे बिहार के कई जेडीयू नेता नाराज चल रहे हैं। साथ ही जेडीयू नेता प्रदेश में बीजेपी के तौर तरीकों से भी खुश नहीं हैं।
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243 सदस्यों वाली बिहार विधानसभा में बहुमत के लिए 122 सीटें चाहिए। नवंबर में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में एनडीए को 125 और आरजेडी की अगुवाई वाली महागठबंधन को 110 सीटें मिली हैं। ऐसे में आरजेडी को सिर्फ 12 सीटों की जरूरत है। श्याम रजक जिस तरह 17 विधायक टूटने का दावा कर चुके हैं उससे तो तय है कि एनडीए सरकार गिर जाएगी।
243 सदस्यों वाली बिहार विधानसभा में बहुमत के लिए 122 सीटें चाहिए। नवंबर में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में एनडीए को 125 और आरजेडी की अगुवाई वाली महागठबंधन को 110 सीटें मिली हैं। ऐसे में आरजेडी को सिर्फ 12 सीटों की जरूरत है। श्याम रजक जिस तरह 17 विधायक टूटने का दावा कर चुके हैं उससे तो तय है कि एनडीए सरकार गिर जाएगी।