उन्होंने देश के विकास और राष्ट्रीयता की राह में आड़े आने वालों पर निशाना भी साधा। अनुच्छेद 370 के मुद्दे पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को नसीहत भी दी। उन्होंने कहा कि पाक पीएम को कश्मीर मुद्दे पर दुर्भावना से ग्रसित होकर दुष्प्रचार से दूर रहने को कहा।
मोहन भागवत ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के लिए मोदी सरकार को एक साहसी फैसला करार दिया। उन्होंने कहा कि कश्मीर में पीएम मोदी और उनकी सरकार ने जो कर दिखाया उसके लिए वो बधाई के पात्र हैं।
मॉब लिचिंग की आड् में हत्या का जिक्र करते हुए कहा कि मॉब लिंचिंग पश्चिमी तरीका है। इसे एक साजिश के तहत भारत के संदर्भ में पेश किया जा रहा है। लिंचिंग जैसी घटनाओं से आरएसएस का कोई लेना-देना नहीं है। संघ हमेशा ऐसी घटनाओं के खिलाफ रहा है। आरएसएस मतभेद के बावजूद कानून और संविधान की मर्यादा में रहने की सीख देता है।