इससे पहले राहुल गांधी ने राफेल सौदा मामले पर हमला करते हुए कहा था कि पीएम मोदी और अनिल अंबानी ने इस सौदे से देश के जवानों पर सर्जिकल स्ट्राइक किया है। इसी पर पलटवार करते हुए पात्रा ने राहुल गांधी पर सर्जिकल स्ट्राइक का मजाक उड़ाने और इसके साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह देश के लोगों की भावनाओं के साथ सैनिकों के सम्मान से भद्दा मजाक है। लगे हाथ संबित पात्रा ने कांग्रेस को नसीहत भी दी है कि उन्हें नरेंद्र मोदी से सीखना चाहिए कि कैसे राष्ट्र की गरिमा की रक्षा किया जाता है।
दरअसल, यह स्थिति रफाल सौदे को लेकर पिछले हफ्ते के अंत में फ्रांस के पू्र्व राष्ट्रपति ओलांद का एक साक्षात्कार में पीएम मोदी को घसीटने की वजह से उत्पन्न हुआ है। इसमें उन्होंने भारत सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि 2015 में जब नरेंद्र मोदी ने इस सौदे को हरी झंडी दी, तब फ्रांस को इस सौदे के ऑफसेट पार्टनर के तौर पर जो इकलौता विकल्प दिया गया था, वो अनिल अंबानी का था। इसके अलावा फ्रांस को और कोई विकल्प नहीं दिया गया था। उनके इस बयान के बाद देश में भूचाल आ गया। क्योंकि 36 जहाजों के लिए 59,000 करोड़ रुपए में किए गए सौदे से जुड़े ऑफसेट के नियमों को सौदे से पहले बदला गया था और विमान बनाने वाली कंपनी दास्सू के पास नए नियमों की वजह से ये सहूलियत थी कि वो अपने ऑफसेट पार्टनर का नाम सरकार को बाद में बताए।
रफाल सौदे पर विपक्ष के हमले के बाद जब इस मामले में पाकिस्तान का नाम आने लगा तब पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने ट्वीट कर कहा कि हम भारत में सत्ताधारी लोगों के युद्ध भड़काने की कोशिश को नकारते हैं। सभी जानते हैं कि भारतीय सरकार की पाकिस्तान के खिलाफ नफरत फैलाने की रणनीति पीएम मोदी को बचाने के लिए है। पीएम मोदी पर राफेल डील में इस्तीफा देने का दबाव है, इसलिए भारत सरकार इस बड़े रक्षा सौदे के घोटाले से अपनी जनता का ध्यान बांटने के लिए पाकिस्तान को घसीटने में जुटी है।