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इंदिरा के चाणक्य और कांग्रेस के भरोसेमंद नेता माखनलाल फोतेदार का निधन

locationनई दिल्लीPublished: Sep 28, 2017 09:08:57 pm

Submitted by:

Chandra Prakash

कांग्रेस पार्टी के चाणक्य और इंदिरा गांधी के सबसे भरोसेमंद नेता माखनलाल फोतेदार का गुरुवार को 85 वर्ष की आयु में निधन हो गया

 Makhan Lal Fotedar
गुरुग्राम: कांग्रेस पार्टी के चाणक्य और इंदिरा गांधी के सबसे भरोसेमंद नेता माखनलाल फोतेदार का गुरुवार को 85 वर्ष की आयु में निधन हो गया। बेचैनी की शिकायत के बाद वरिष्ठ नेता को गुरुग्राम के सुशांत लोक स्थित उनके घर से उन्हें मेडिसिटी मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया। उन्होंने अस्पताल में ही अंतिम सांस ली।

राजनीति में चाणक्यों की फौज
भारतीय राजनीति में चाणक्यों की कमी नहीं है। हर पार्टी में ऐसे नेता हैं जो अपनी नीति और चतुराई की वजह से चाणक्य की तमगा पा चुके हैं। कांग्रेस में जहां अर्जुन सिंह, अहमद पटेल, दिग्विजय सिंह जैसे दिग्गज हैं तो बीजेपी में अमित शाह , स्वर्गीय प्रमोद महाजन भी इसी नाम से जाने जाते हैं लेकिन माखनलाल फोतेदार का मुकाबला किसी से नहीं किया जा सकता।

इंदिरा के चाणक्य
माखनलाल फोतेदार पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के राजनीतिक सलाहकार के साथ गांधी-नेहरू परिवार के वफादार के रुप में मशहूर हैं। उन्होंने 1980 से 1984 तक प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के राजनीतिक सचिव के रूप में कार्य किया था। उनकी राजनीतिक दूरदर्शिता उन्हें बाकी नेताओं से अलग कर देती थी। इंदिरा के दिमाग में जो कुछ चल रहा होता था फोतेदार उसे पहले ही भांप जाते थे। फोतेदार उनके विश्वासपात्रों में से एक थे। बाद में वो केंद्रीय कैबिनेट का हिस्सा भी बने थे।
सोनिया बोलीं- वो प्रकाश स्तंभ थे
माखनलाल फोतेदार के निधन पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उनके निधन पर गहरी संवेदना प्रकट की है। उन्होंने कहा, “फोतेदार कांग्रेस के लिए प्रकाश स्तंभ के समान थे। उनकी कमी को कभी भी भरा नहीं जा सकता।” सोनिया ने कहा कि पांच दशक से ज्यादा के अपने लंबे और सक्रिय राजनीतिक जीवन में फोतेदार ने लोगों के अधिकारों के लिए अथक लड़ाइयां लड़ीं और अत्यंत ईमानदारी से काम किया।

नेहरु के साथ राजनीति में एंट्री
फोतेदर, कश्मीर घाटी के अनंतनाग में मटान के एक मध्यम वर्ग के कश्मीरी ब्राह्मण परिवार में पैदा हुए थे। सन् 1950 के दशक में उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के कार्यकाल में राजनीति में कदम रखा था।

विधानसभा और राज्यसभा भी पहुंचे
कश्मीर विधानसभा में भी काफी समय तक सक्रिय रहे थे। 1967 से 1977 तक वो पहलगाव विधानसभा से विधायक भी रहे हैं। इसके साथ ही दो बार राज्यसभा के सदस्य भी थे।

‘द चिनार लीव्स’ में किए खुलासे
फोतेदार इंदिरा को प्रमुख मुद्दों पर सलाह भी दिया करते थे। वह कांग्रेस कार्य समिति (पार्टी की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली समिति) के स्थायी आमंत्रित सदस्य थे। फोतेदार ने ‘द चिनार लीव्स’ किताब भी लिखी थी, जिसमें उन्होंने भारतीय राजनीति और राजनेताओं को लेकर कई बड़े खुलासे किए।

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