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शशि थरूर का तंज, नेहरू की वजह से एक ‘चायवाला’ बन सका देश का प्रधानमंत्री

Published: Nov 14, 2018 09:27:59 am

Submitted by:

Mohit sharma

एक कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस सांसद थरूर ने देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की वजह से ही एक चायवाला पीएम बन सका।

Shashi Tharoor

शशि थरूर का तंज, नेहरू की वजह से एक ‘चायवाला’ बन सका देश का पीएम

नई दिल्ली। पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव के बीच कांग्रेस नेता शशि थरूर ने एक बार फिर पीएम मोदी पर तंज कसा है। थरूर ने पीएम मोदी को ‘चाय वाला’ बोल कर फिर से निशाना साधा है। एक कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस सांसद थरूर ने कहा कि देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की वजह से ही एक चायवाला पीएम बन सका। दरअसल, थरूर ने ये बाते पंडित जवाहर लाल नेहरू की जयंति पर उनके योगदान को याद करते हुए कही। आपको बता दें कि शशि थरूर ने साल 2003 में जवाहर लाल नेहरू पर लिखी अपनी बुक Nehru-The Invention of India का नया संस्करण जारी किया है। बुक लॉंचिंग के कार्यक्रम में थरूर ने भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला। कांग्रेस नेता ने कहा कि कुछ लोगों का आरोप है कि पंडित नेहरू ने अपनी बेटी इंदिरा गांधी को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी बनाने का प्रयास किया था। जबकि ये आरोपी पूरी तरह से निराधार हैं। थरुर ने नेहरू के योगदान का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी बदोलत ही देश में लोकतांत्रिक संस्थानों को मजबूती मिल सकी।

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इस दौरान शशि थरूर ने नेहरू से जुड़ी एक कहानी सुनाते हुए कहा कि एक बार अमरीकी पत्रकार ने पंडित नेहरु से पूछा था कि आप अपनी विरासत को किस तरह से देखना चाहेंगे? तो पंडित नेहरू ने अपने जवाब में कहा था कि वह देश की जनता खुद सरकार चलाते देखना चाहते हैं। यही कारण है कि उनके निधन के बाद भी देश अपनी गति से आगे बढ़ता रहा। कांग्रेस ने कि आज हमारे देश में लोकतंत्र पंडित नेहरू की वजह से ही है। उन्होंने कहा कि आज अगर एक ‘चायवाला’ देश का प्रधानमंत्री बना है तो यह केवल पंडित नेहरू द्वारा बनाई गई लोकतांत्रिक संस्थाओं के कारण ही संभव हो सका है।

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इस दौरान थरूर ने नेहरू की धर्मनिरपेक्षता को भी याद किया। पंडित नेहरु के कई मित्र और यहां तक कि घर में काम करने वाले लोग मुस्लिम थे। इन लोगों के लिए नेहरू के मन में आदर भाव था। यह उनकी धर्मनिरपेक्षता का ही उदाहरण है कि उन्होंने एक बार कहा था कि ये मुल्ला, साधू या संत देश की हर समस्या का निपटारा नहीं कर सकते।

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