दरअसल पीएम मोदी ने अपने बांग्लादेश के दौरे पर एक भाषण दिया। इस भाषण को लेकर जल्दबाजी में शशि थरूर में कमेंट कर डाला। कमेंट करने के बाद थरूर को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने माफी मांगी। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला।
यह भी पढ़ेँः Corona के बढ़ते खतरे के बीच दिल्ली में लॉकडाउन की खबर पर स्वास्थ्य मंत्री की सफाई, जानिए क्या कहा कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बांग्लादेश दौरे पर दिए एक संबोधन पर टिप्पणी की थी। थरूर को लगा कि मोदी ने अपने भाषण में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के योगदान का जिक्र नहीं किया है।
लिहाजा उन्होंने शुक्रवार शाम ट्वीट किया कि ‘सब जानते हैं कि बांग्लादेश को किसने आजाद कराया।’
लिहाजा उन्होंने शुक्रवार शाम ट्वीट किया कि ‘सब जानते हैं कि बांग्लादेश को किसने आजाद कराया।’
अगले दिन थरूर को एक न्यूज रिपोर्ट से पता चला कि मोदी ने तो इंदिरा का नाम लिया था। शनिवार सुबह उन्होंने अपनी गलती मानते हुए ‘सॉरी’ लिखा और कहा कि ‘जब मैं गलत होता हूं तो स्वीकर करने में कोई समस्या नहीं होती।’
कल जल्दबाजी में हेडलाइन और ट्वीट पढ़कर मैंने ट्वीट किया था, हर कोई जानता है कि बांग्लादेश को किसने आजाद कराया, जिसका मतलब था कि नरेंद्र मोदी ने इंदिरा गांधी के योगदान को नहीं बताया, लेकिन उन्होंने इसका जिक्र किया था। माफ कीजिए।’
कल जल्दबाजी में हेडलाइन और ट्वीट पढ़कर मैंने ट्वीट किया था, हर कोई जानता है कि बांग्लादेश को किसने आजाद कराया, जिसका मतलब था कि नरेंद्र मोदी ने इंदिरा गांधी के योगदान को नहीं बताया, लेकिन उन्होंने इसका जिक्र किया था। माफ कीजिए।’
ये बोले थे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था- ‘बांग्लादेश की आजादी के लिए संघर्ष में शामिल होना मेरे जीवन के भी पहले आंदोलनों में से एक था। मेरी उम्र 20-22 साल रही होगी जब मैंने और मेरे कई साथियों ने बांग्लादेश के लोगों की आजादी के लिए सत्याग्रह किया था।’
पीएम मोदी ने कहा- ‘बांग्लादेश के स्वाधीनता संग्राम को भारत के कोने-कोने से, हर पार्टी से, समाज के हर वर्ग से समर्थन प्राप्त था। तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी जी के प्रयास और उनकी महत्वपूर्ण भूमिका सर्वविदित है। उसी दौर में 6 दिसंबर 1971 को अटल बिहारी वाजपेयी जी ने कहा था कि हम न केवल मुक्ति संग्राम में अपने जीवन की आहूति देने वालों के साथ लड़ रहे हैं, हम इतिहास को भी एक नई दिशा देने के लिए प्रयत्न कर रहे हैं।’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था- ‘बांग्लादेश की आजादी के लिए संघर्ष में शामिल होना मेरे जीवन के भी पहले आंदोलनों में से एक था। मेरी उम्र 20-22 साल रही होगी जब मैंने और मेरे कई साथियों ने बांग्लादेश के लोगों की आजादी के लिए सत्याग्रह किया था।’
पीएम मोदी ने कहा- ‘बांग्लादेश के स्वाधीनता संग्राम को भारत के कोने-कोने से, हर पार्टी से, समाज के हर वर्ग से समर्थन प्राप्त था। तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी जी के प्रयास और उनकी महत्वपूर्ण भूमिका सर्वविदित है। उसी दौर में 6 दिसंबर 1971 को अटल बिहारी वाजपेयी जी ने कहा था कि हम न केवल मुक्ति संग्राम में अपने जीवन की आहूति देने वालों के साथ लड़ रहे हैं, हम इतिहास को भी एक नई दिशा देने के लिए प्रयत्न कर रहे हैं।’
ये थी शशि थरूर की टिप्पणी
प्रधानमंत्री की टिप्पणी पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री बांग्लादेश को भारतीय फर्जी खबर का स्वाद चखा रहे हैं। हर कोई जानता है कि बांग्लादेश को किसने आजाद कराया।
प्रधानमंत्री की टिप्पणी पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री बांग्लादेश को भारतीय फर्जी खबर का स्वाद चखा रहे हैं। हर कोई जानता है कि बांग्लादेश को किसने आजाद कराया।
यह भी पढ़ेँः Bangladesh : जेशोरेश्वरी देवी मंदिर पहुंचे पीएम मोदी, काली माता की पूजा-अर्चना की आपको बता दें कि पीएम मोदी के भाषण के बाद पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे ने भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा- ‘आज पीएम मोदी बांग्लादेश की स्वतंत्रता के 50 वर्ष का समारोह मनाने गए! क्या उन्होंने कभी हमारी पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी और मेरे पिता स्वर्गीय श्री प्रणब मुखर्जी की भूमिका को स्वीकार किया? शायद इसलिए नहीं क्योंकि उनका अपना राजनीतिक एजेंडा है जिसे पूरा करने के लिए वह बेचैन हैं।’