scriptजेडीयू-शिवसेना-सपा के इस कदम से चमकी शाह की सियासत, संसद में CAB को समर्थन | Shiv Sena- JDU helped BJP this way to clear Citizenship Amendment Bill 2019 | Patrika News

जेडीयू-शिवसेना-सपा के इस कदम से चमकी शाह की सियासत, संसद में CAB को समर्थन

locationनई दिल्लीPublished: Dec 12, 2019 07:22:48 am

शिवसेना ने कर दिया था उच्च सदन से वॉकआउट।
जेडीयू ने किया विधेयक का समर्थन।
एनसीपी, टीएमसी और सपा के सांसद रहे अनुपस्थित।

पूर्वोत्तर राज्यों में लागू नहीं होगा नागरिकता संशोधन बिल-अमित शाह

पूर्वोत्तर राज्यों में लागू नहीं होगा नागरिकता संशोधन बिल-अमित शाह

नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 बुधवार को राज्यसभा में पारित हो गया। यह विधेयक लोकसभा में पहले ही पारित हो चुका था। राज्यसभा में विधेयक के पक्ष में 125 जबकि विपक्ष में 105 वोट पड़े। इससे पहले विधेयक को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने के प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया गया। हालांकि इस बिल के पास होने में सरकार की सबसे ज्यादा मदद जनता दल (यूनाइटेड) और शिवसेना ने की।
जहां हाल ही में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दशकों पुराना दामन छोड़कर कांग्रेस से हाथ मिलाने वाली शिवसेना के सदस्यों ने विधेयक पर वोटिंग में किनारा किया। वहीं, जनता दल (यूनाइटेड) ने विधेयक का समर्थन किया।
नागरिकता संशोधन विधेयक को संसद की मंजूरी मिलने के बाद अब देश के विभिन्न हिस्सों में अवैध तरीके से निवास करने वाले अप्रवासियों के लिए अपने निवास का कोई प्रमाण पत्र नहीं होने के बावजूद नागरिकता हासिल करना सुगम हो जाएगा।
https://twitter.com/hashtag/CitizenshipAmendmentBill2019?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw
भारत की राष्ट्रीय के लिए पात्र होने की समय सीमा 31 दिसंबर 2014 होगी। मतलब इस तिथि के पहले या इस तिथि तक भारत में प्रवेश करने वाले नागरिकता के लिए आवेदन करने के पात्र होंगे। यह विधेयक लोकसभा में सोमवार को ही पारित हो गया था।
सभी सदस्यों से विधेयक का समर्थन करने की अपील करते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने विपक्ष से कहा कि वे समाज को बांटने के लिए राजनीति न करें। बहस का जवाब देते हुए शाह ने कहा कि 44 सदस्यों ने सदन में अपनी राय, सुझाव व आपत्तियां पेश कीं।
उन्होंने कहा, “मैं तथ्यों को पेश करना चाहता हूं। विधेयक नहीं लाया गया होता। अगर देश का विभाजन नहीं होता तो नागरिकता अधिनियम में संशोधन की जरूरत नहीं होती। यही नहीं, अगर पिछली कोई सरकार ने काम किया होता तो हम विधेयक नहीं लाते।”
https://twitter.com/hashtag/CitizenshipAmendmentBill2019?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw
विधेयक की आवश्यकता पर जोर देते हुए शाह ने कहा, “कब तक हम देश की समस्या को टालते रहेंगे। लियाकत-नेहरू समझौता (दिल्ली समझौता) 8 अप्रैल 1950 को हुआ था। दोनों देशों ने अल्पसंख्यकों के साथ सम्मान का व्यवहार करने और उन्हें अपने धर्म का पालन करने की स्वतंत्रता प्रदान करने पर सहमति जताई थी। यह वादा था। लेकिन आखिरकार वादा तोड़ दिया गया।”
उन्होंने सदन को भरोसा दिलाया कि विधेयक से अवैध अप्रवासी सच बयां कर पाएंगे कि वे अप्रवासी हैं और नागरिकता चाहते हैं। गृहमंत्री ने कहा, “इतने साल से इन लोगों की आवाज नहीं सुनी गई और उनके आंसू नहीं देखे गए।” भूटान, म्यांमार और श्रीलंका के अल्पसंख्यकों का बाहर रखने के मसले पर शाह ने कहा, “सरकार ने श्रीलंका और यूगांडा से आए लोगों को नागरिकता प्रदान की और तदनुसार संशोधन किए गए।”
उन्होंने कहा, “हमने सिर्फ तीन देशों से आनेवाले लोगों की मदद के लिए इन देशों का नामों का जिक्र किया। अब हमें समस्या को नजरंदाज करने की जरूरत नहीं है।” उन्होंने कहा कि विधेयक 2015 में पेश किया गया और संसदीय समितियों के पास गया। शाह ने कहा, “नागरिकों को ध्यान में रखते हुए समस्या का समाधान हमारी सरकार की प्राथमिकता है।”
https://twitter.com/ANI/status/1204790148988170240?ref_src=twsrc%5Etfw
उन्होंने अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के संविधान का जिक्र किया जिनमें बताया गया है कि ये इस्लामिक देश हैं।
उन्होंने सवालिया लहजे में कहा, “क्या इन तीनों देशों में मुस्लिम अल्पसंख्यक हैं? जब देश का धर्म इस्लाम हो तो मुस्लिमों के उत्पीड़न की घटना का मामला काफी कम हो जाता है।”
गृहमंत्री ने कहा, “उत्पीड़न के शिकार मुस्लिमों के लिए हमारे पास प्रावधान हैं और अलग-अलग मामले के आधार पर उनको नागरिकता दी गई है।” उन्होंन यह भी बताया कि किस प्रकार चिदंबरम ने बतौर गृहमंत्री राजस्थान में हिंदुओं और सिखों को नागरिकता प्रदान की।ं
https://twitter.com/hashtag/CitizenshipAmendmentBill2019?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw
उन्होंने कहा कि विपक्ष अल्पसंख्यकों को मूर्ख बनाना बंद करे। शाह ने सवालिया लहजे में कहा, “क्या कांग्रेस जो कर रही है व धर्मनिरपेक्ष है और हम जो कर रहे हैं वह संविधान के खिलाफ है?”
गृहमंत्री ने कहा, “मैंने हमेशा कहा है कि भारत में अल्पसंख्यकों को किसी बात से डरने की जरूरत नहीं है। नागरिकता संशोधन विधेयक से कोई मुस्लिम भाई-बहन प्रभावित नहीं होगा। विपक्ष विभाजन क्यों पैदा कर रहा है?”
महात्मा गांधी का जिक्र करके उन्होंने अपने तर्क की पुष्टि करते हुए कहा, “26 सितंबर 1947 को गांधी ने कहा था कि पाकिस्तान में निवास करने वाले हिंदू और सिख भयमुक्त होकर भारत आ सकते हैं। उन्हें आश्रय व रोजगार देना भारत का कर्तव्य है।” नागा पीपुल्स फ्रंट सांसद केजी केन्ये ने विधेयक का समर्थन किया।
वहीं, टीएमसी के एक सांसद केडी सिंह भी सदन में अनुपस्थित थे। सपा के बेनी प्रसाद वर्मा भी स्वास्थ्य कारणों से अनुपस्थित नहीं थे। एनसीपी की वंदना चव्हाण और माजिद मेनन भी नहीं थे। प्रफुल्ल पटेल ने बताया कि वंदना के घर शादी और मेनन की तबीयत ठीक नहीं है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो