उनके इस बैठक में ना पहुंचने से प्रदेश की सियासत गर्मा गई थी। राउत की राज्यपाल से मुलाकात को इसी संदर्भ में देखा जा रहा है। हालांकि संजय राउत ने मीडिया से बातचीत में इसे शिष्टाचार मुलाकात बताया और कहा कि राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच पिता-पुत्र का रिश्ता होता है।
तेजी से बढ़ रहा है तापमान, मौसम विभाग की चेतावनी राजस्थान समेत देश के इन राज्यों में सताएगा सूरज का सितम संजय राउत ने शनिवार को राजभवन में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की। राजभवन की ओर से जारी एक बयान में शिवसेना सांसद और राज्यपाल के बीच की मुलाकात को ‘शिष्टाचार भेंट’ बताया गया।
शिवसेना नेतृत्व विपक्षी भाजपा के राज्यपाल से मुलाकात करने और यह शिकायत करने से नाराज था कि राज्य सरकार कोरोना को फैलने से रोकने में विफल रही है। हालांकि राउत ने कहा, कि राज्यपाल और सीएम उद्धव ठाकरे के बीच कोई टकराव नहीं था। इन दोनों के बीच तो पिता और पुत्र का रिश्ता है।
राउत ने कहा राज्यपाल और सीएम के बीच के रिश्ते इसी तरह बने रहेंगे। राजभवन ने एक फोटो ट्वीट किया जिसमें राउत राज्यपाल के सम्मुख हाथ जोड़े खड़े नजर आ रहे हैं। इस ट्वीट के बाद राउत ने भी एक ट्वीट किया और लिखा- ” ठीक है, बी के कोश्यारी मुझसे बड़े हैं, इसलिए यह नमस्कार। वैसे, हमारी अच्छी बातचीत हुई, मैंने उनसे चिंता नहीं करने को कहा, क्योंकि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में हमारी एमवीए ( महाराष्ट्र विकास अगाड़ी ) सरकार अच्छी तरह चल रही है। ”
शिवसेना और राजभवन के बीच का संबंध राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया था क्योंकि कोश्यारी राज्य मंत्रिमंडल की दो सिफारिशों पर कोई जवाब नहीं दे रहे थे। इन सिफारिशों में से एक शिवसेना प्रमुख ठाकरे को राज्यपाल के कोटे से विधान परिषद के लिए नामित करने का आग्रह था। शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के कार्यकारी संपादक राउत ने तब राजभवन की आलोचना की थी और कहा था कि उसे राजनीतिक साजिशों का केंद्र नहीं बनना चाहिए।