खरीद-फरोख्त की राजनीति हमेशा काम नहीं आती
केंद्र-राज्य में सत्ता में हिस्सेदार शिवसेना ने कहा कि नांदेड़ नगर निगम चुनाव परिणाम हमारे मित्र के लिए शायद स्तब्ध करने वाले हों, जिसने कांग्रेस मुक्त भारत का सपना देखा है। इस चुनाव के जरिए भारत के लिए संदेश स्पष्ट है कि बीजेपी को हराया जा सकता है। उसने कहा कि इस चुनाव से सबसे बड़ा सबक यह मिलता है कि धन, बल और खरीद-फरोख्त की राजनीति हमेशा काम नहीं आती। इसलिए कांग्रेस प्रमुख अशोक चव्हाण भाजपा का विजय रथ रोकने में कामयाब रहे।
निगम चुनाव में शिवसेना को एक सीट
पार्टी की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख अशोक चव्हाण के गृह नगर नांदेड़ में कांग्रेस ने सत्ता पर कब्जा जमाने के बीजेपी के प्रयासों को झटका देते हुए उसे मात्र छह सीटों पर समेट दिया। राज्य निर्वाचन आयोग की तरफ से घोषित अंतिम नतीजों के अनुसार शिवसेना को केवल एक सीट मिली और एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत दर्ज की।
शिवसेना बोली- दो मोर्चों पर लडऩा पड़ा
शिवसेना ने अपने मुखपत्र के माध्यम से कहा कि शिवसेना को दो मोर्चों पर लडऩा पड़ा। एक ओर अशोक चव्हाण की कांग्रेस से और दूसरी तरफ बीजेपी से, जिसने चुनाव जीतने के लिए सभी हरसंभव तरीके का इस्तेमाल किया। संपादकीय में कहा गया है कि शिवसेना जाति की राजनीति करने में विश्वास नहीं करती।
प्रतिष्ठा का मुद्दा था यह चुनाव
बता दें कि बीजेपी ने इस चुनाव को प्रतिष्ठा का मुद्दा बना लिया था और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों ने चुनाव प्रचार अभियान में भाग लिया था, लेकिन उनका उसी तरह सफाया हुआ, जिस तरह दिल्ली में आप ने बीजेपी का सफाया किया था