कमजोर नहीं है शिवसेना अपने मुखपत्र में शिवसेना ने कहा है कि कोई उसे कमजोर समझने की भूल न करे। शिवसेना में यह क्षमता है कि वह कभी भी किंग मेकर की भूमिका में आ सकती है। दिल्ली की गद्दी पर कौन राज करेगा, ये शिवसेना में तय करने की क्षमता है। बता दें कि कुछ दिन पहले ही शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने मुलाकात की थी लेकिन इस तल्ख संपादकीय के बाद इस बात के कयास फिर से लगाए जाने लगे हैं कि दोनों पार्टियों के बीच कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है।
दिल्ली में घुट रहा है दम पत्र में शिवसेना के सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि ‘’साल 2014 की राजनीतिक दुर्घटना 2019 में नहीं होगी। सत्ता का उन्माद हम पर कभी चढ़ा नहीं और आगे भी नहीं चढने देंगे। देश में आज आपातकाल पूर्व परिस्थिति जैसा माहौल है। कश्मीर में जवानों की हत्या जारी है। बहुमत से चुनकर दी गई सरकार का गला राजधानी दिल्ली में ही कसा जा रहा है। मोदी सरकार कुछ भी कदम नहीं उठा रही है। ऐसा रवैया रहा तो चुनाव लड़ना और राज्य चलाना मुश्किल हो जाएगा।’’
पीएम मोदी पर तल्ख टिप्पणी पत्र में में पीएम मोदी पर बेहद तीखी टिप्पणी की गई है। मुहावरों का प्रयोग करते हुए पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा गया है कि ‘धूलभरी आंधी केवल दिल्ली में नहीं बल्कि पूरे देश में उठ चुकी है। नरेंद्र मोदी हमेशा विदेश यात्रा पर होते है, इसलिए इस आंधी के धूल के कण उनकी आंखों और सांसो में नहीं जा रहे हैं। जबकि जनता परेशान और दुविधा में है। मुश्किल राजनीतिक परिस्थितियों के बावजूद भी शिवसेना दुर्गम रास्तों को पार करती आई है और आगे भी करेगी। महाराष्ट्र में शिवसेना अपने दम पर खुद की सरकार बनाएगी और दिल्ली के तख्त पर कौन बैठेगा, यह फैसला लेने की ताकत भी शिवसेना ही करेगी।’’
हो सकती है कांटे की टक्कर महाराष्ट्र में दोनों दलों के बीच साल 2014 के लोकसभा चुनाव में बेहद निकटवर्ती मुकाबला था। महाराष्ट्र की 48 सीटों में से भाजपा और शिवसेना गठबंधन ने 42 सीटें जीती थीं। ऐसे में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा, शिवसेना से सभी मतभेदों को दूर करना चाहेगी। अगर ऐसा नहीं हुआ तो फिर यह तय है कि दोनों दल अगले चुनावों में भारी नुकसान उठाएंगे। ऐसे में एनसीपी और कांग्रेस को बड़ा फायदा होने की उम्मीद है।