खबरों के मुताबिक, इस रैली में असदुद्दीन ओवैसी तीन तलाक के मुद्दे पर रैली में बोल रहे थे। इसी दौरान भीड़ में से किसी शख्स ने ओवैसी पर जूता फेंका। हालांकि गनीमत ये रही कि वो जूता ओवैसी को लगा नहीं। इस मामले पर पुलिस अधिकारी का कहना है कि रात करीब पौने 10 बजे जब ओवैसी तीन तलाक के मुद्दे पर बोल रहे थे, तभी एक शख्स ने उन पर जूता फेंक दिया। जैसे ही जूता ओवैसी की ओर उछला उनकी सुरक्षा में तैनात पुलिस अधिकारी सामने आ गए, जिससे ओवैसी को जूता नहीं लगा।
जूता फेंकने की घटना के बाद भी ओवैसी ने अपना भाषण जारी रखा और कहा कि मैं अपने लोकतांत्रिक अधिकार के लिए अपनी जान देने को तैयार हूं। ये सभी निराश लोग है जो यह नहीं देख सकते हैं कि तीन तलाक पर सरकार का फैसला जनता खासतौर पर मुसलमानों ने स्वीकार नहीं किया है। औवेसी ने जूता फेंकने वाले शख्स के बारे में कहा, ‘‘ ये लोग उन लोगों में से हैं जो महात्मा गांधी, गोविंद पानसरे और नरेंद्र डाभोलकर के हत्यारों की विचारधारा को फोलो करते हैं, लेकिन उनके खिलाफ सच बोलने से मुझे कोई नहीं रोक सकता।
ओवैसी पर जूता फेंके जाने को लेकर AIMIM के विधायक इम्तियाज जलील ने कहा कि ओवैसी को जूता नहीं लगा है और ऐसे में भी उन्होंने अपना भाषण पूरा किया। जलील ने कहा कि कुछ लोग और राजनैतिक दल चाहते हैं कि हम सच न बोलें, लेकिन इस तरह की घटनाओं से हमें फर्क नहीं पड़ता है।