येचुरी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यह मेरी निजी राय है। मेरा मानना है कि भारत में चुनाव के पहले कोई भी महागठबंधन बनाना संभव नहीं है, क्योंकि हमारा देश विविधताओं वाला है। येचुरी ने कहा कि लोग केंद्र की जनविरोधी सरकार से छुटकारा पाना चाहते हैं लेकिन वैकल्पिक धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक सरकार लोकसभा चुनाव के बाद ही बन सकती है। माकपा महासचिव ने कहा कि क्षेत्रीय धर्मनिरपेक्ष ताकतें भी आम चुनाव के बाद एक साथ आएंगी। उन्होंने वैकल्पिक धर्मनिरपेक्ष मोर्चा का नाम नहीं बताया।
मीडिया की तरफ से पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि क्या माकपा वैकल्पिक धर्मनिरपेक्ष मोर्चा का हिस्सा बनेगी तो उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी ने केंद्र सरकार को बाहर से समर्थन दिया था। इससे पहले हमने 1989, 1996 और 2004 में गठबंधन वाली सरकार का समर्थन किया था।
जब उनसे यह पूछा गया कि अगर तृणमूल कांग्रेस को विपक्षी मोर्चा में शामिल किया गया तो क्या माकपा उसका हिस्सा बनेगी तो इस पर उन्होंने कहा कि तृणमूल और भाजपा में गुप्त तालमेल है। तृणमूल की भाजपा से लड़ने की विश्वसनीयता नहीं है। इसलिए दोनों से समझौता भी संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि हम किसी भी ऐसी पार्टी पर भरोसा नहीं कर सकते जिसने खुद अपने राज्य में लोकतंत्र की हत्या की हो। उन्होंने भाजपा-आरएसएस की आलोचना करते हुए कहा कि वे अगले आम चुनाव से पहले हिंदू सांप्रदायिकता के मुद्दे को आगे बढ़ा रहे हैं।