बीते 20 दिसंबर के केंद्रीय गृहमंत्रालय के आदेश का बचाव करते हुए भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार के वैध आदेश के विपरीत यूपीए ने अवैध तरीके से लोगों की जासूसी की थी।
हर कंप्यूटर पर नजर: बड़ा सवाल- क्यों सभी भारतीयों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया जा रहा है हाल ही में गृहमंत्रालय ने देश की 10 एजेंसियों को आदेश दिया है कि वे किसी भी कंप्यूटर में तैयार की गई, भेजी गई, प्राप्त हुई या रखी गई किसी भी जानकारी को रोके, उसकी निगरानी करें और डिक्रिप्ट करें।
पात्रा ने आरटीआई से प्राप्त जवाबों को का जिक्र करते हुए कहा, “जो लोग हर महीने 9,000 टेलीफोन कॉल्स और 500 ई-मेल्स की जासूसी करते थे, वे आज दूसरों पर जासूसी के आरोप लगा रहे हैं।”
पात्रा ने कहा, “संप्रग सरकार के दौरान टेलीफोन टैप करने के लिए हर महीने 7,500 से 9,000 तक आदेश जारी किए गए थे।”
अब सुरक्षा एजेंसियां जब चाहे कर सकेंगी आपके कंप्यूटर में ताकझांक, गृह मंत्रालय ने दी इजाजत और विपक्ष ने विरोध पात्रा ने कहा, “जिस राजनीतिक दल ने आपातकाल लगाया, वह आज हमें उपदेश दे रही है। कांग्रेस अपनी जमीन खोने के बावजूद हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ लगातार राजनीति कर रही है।” उल्लेखनीय है कि गृहमंत्रालय के इस आदेश को लेकर विपक्षी पार्टियां संसद के अंदर और बाहर सरकार की तीखी आलोचना कर रही हैं।
विपक्षी दल इसे असंवैधानिक बता रहे हैं और देश को ‘सर्विलांस स्टेट’ में तब्दील करने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगा रहे हैं।