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अब तक सुप्रीम कोर्ट में एससी-एसटी वर्ग से एक भी जज नहीं, न्यायिक व्यवस्था में हो आरक्षण : पासवान

locationनई दिल्लीPublished: Apr 15, 2018 03:53:33 pm

Submitted by:

Anil Kumar

केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि भारतीय न्यायिक व्यवस्था में एससी-एसटी का सही अनुपात में प्रतिनिधित्व नहीं है।

ramvilas paswan

नई दिल्ली । केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने भारतीय न्यायिक व्यवस्था में आरक्षण की हिमायत की है। पासवान ने कहा है कि भारतीय न्यायिक व्यवस्था में आरक्षण होना चाहिए। उन्होंने कहा है कि यदि हम इसकी मांग करते हैं तो सर्वोच्च न्यायालय कहता है कि यह असंवैधानिक है, इसे पूरा नहीं किया जा सकता है। पासवान ने कहा कि इसलिए भारतीय न्यायिक सेवा की स्थापना की जानी चाहिए। इसके लिए एक प्रतियोगी परीक्षा होनी चाहिए और इसी के आधार पर न्यायिक व्यवस्था में आरक्षण की व्यवस्था की जानी चाहिए।

 

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न्यायिक प्रणाली में एससी-एसटी का सही प्रनिधित्व नहीं

आपको बता दें कि बाबा साहब अंबेडकर की जयंती के मौके पर रामविलास पासवान ने एक कार्यक्रम को संबोधन करते हुए कहा कि भारतीय न्यायिक प्रणाली में भी आरक्षण की व्यवस्था होनी चाहिए। देश के सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों में एससी-एसटी का सही अनुपात में प्रतिनिधित्व नहीं है। लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष रामविलास पासवान ने कहा कि आज तक सुप्रीम कोर्ट में एससी-एसटी वर्ग से एक भी जज नहीं हुए हैं। यही कारण है कि न्यायालय में समाज का पक्ष सही ढंग से नही रखा जाता है। उन्होंने कार्यक्रम के संबोधन में कहा कि न्यायिक सेवा आयोग का गठन एवं न्यायाल में आरक्षण लागू होना चाहिए। यदि ऐसा नहीं हो रहा है तो दलित सेना को अपने अधिकारों के लिए आंदोलन करना चाहिए।

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विपक्षी दलों पर पासवान ने किया वार

रामविलास पासवान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने अनुसूचित जाति और जनतियों के लिए बहुत बहुत ही ठोस कदम उठाए हैं। सरकार ने एससी-एसटी को मजबूत करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि देश में फिलहाल विपक्षी पार्टियां आरक्षण के नाम पर राजनीति कर रही है। कांग्रेस ने बाबा साहब को हमेशा अपमानित किया है। जबकि खुद को दलितों का मसीहा कहलाने वाली बसपा प्रमुख मायावती उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर एससी-एसटी एक्ट को ही निरस्त कर दिया था। ये पार्टियां अब दलित प्रेम का दिखावा कर रही हैं।

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