इसके अलावा सूत्रों ने बताया कि इस दौरान यूपी के मोस्ट वांटेड गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर ( vikas dubey encounter ) को लेकर प्रदेश में कानून-व्यवस्था के हालात पर भी बातचीत हो सकती है। सूत्रों ने यह भी बताया कि सोनिया गांधी द्वारा बुलाई गई इस बैठक में इस सप्ताह की शुरुआत में गृह मंत्रालय द्वारा राजीव गांधी फाउंडेशन ( Rajiv Gandhi Foundation ) और कांग्रेस से जुड़े ट्रस्टों की जांच के आदेश पर भी रणनीति तय की जा सकती है।
सोनिया गांधी द्वारा बुलाई गई बैठक में कांग्रेस के सभी सांसदों की मौजूदगी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं, शुक्रवार को यूपी पुलिस की एसटीएफ टीम द्वारा उज्जैन, मध्य प्रदेश से कानपुर लाए जा रहे गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद से विपक्षी दलों ने यूपी सरकार पर हमला बोल दिया था। विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद पुलिस की थ्योरी पर उठे कई सवालों को लेकर कांग्रेस ने भी जमकर निशाना साधा।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि खामोशी कई जवाबों से बेहतर है। राहुल ने एक ट्वीट में कहा, “कई जवाबों से अच्छी है खामोशी उसकी, न जाने कितने सवालों की आबरू रख ली।” वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी इस एनकाउंटर को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधते हुए एक ट्वीट में कहा, “उप्र की कानून-व्यवस्था बदतर हो चुकी है। राजनेता-अपराधी गठजोड़ प्रदेश पर हावी है। कानपुर कांड में इस गठजोड़ की सांठ-गांठ खुलकर सामने आई। कौन-कौन लोग इस तरह के अपराधी की परवरिश में शामिल हैं- ये सच सामने आना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा जज से पूरे कांड की न्यायिक जांच होनी चाहिए।”
प्रियंका गांधी ने दो मिनट का विडियो जारी कर कहा, “सारा देश देख रहा है कि भाजपा सरकार ने उत्तर प्रदेश को अपराध प्रदेश में बदल डाला है। उत्तर प्रदेश में लॉ एंड ऑर्डर (कानून व्यवस्था) बिगड़ चुका है। इस स्थिति में विकास दुबे जैसे अपराधी फल-फूल रहे हैं। इनके बड़े-बड़े व्यापार हैं, खुले आम अपराध करते हैं, कोई रोकने वाला नहीं है।”
बता दें कि बीते माह कांग्रेस कार्य समिति की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गलवान घाटी में शहीद सैनिकों को लेकर कहा था, “यह कहा जाता है कि दुखद घटनाएं कभी अकेले नहीं आती। भारत एक भयावह आर्थिक संकट, एक भयंकर महामारी और अब चीन के साथ सीमाओं पर एक बड़े संकट का सामना कर रहा है। भाजपा की अगुवाई वाली राजग सरकार का कुप्रबंधन और गलत नीतियां इन संकटों का एक प्रमुख कारक हैं। इनके सामूहिक प्रभाव से जहां व्यापक पीड़ा और भय का माहौल है वहां देश की सुरक्षा और भूभागीय अखंडता पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं।”