राजनीति

बतौर अध्यक्ष ये थीं सोनिया गांधी की 2 बड़ी उपलब्धि, जानें आज क्यों आसमान से जमीन पर आ गई कांग्रेस

सोनिया गांधी ने राजनीति से संन्यास के संकेत दे दिए हैं। एक न्यूज चैनल ने ये दावा किया है कि वो राहुल के अध्यक्ष बनने के बाद ही रिटायर हो जाएंगी।

Dec 15, 2017 / 01:52 pm

Kapil Tiwari

Sonia Gandhi

नई दिल्ली: मौजूदा समय में कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने रिटायरमेंट के संकेत दे दिए हैं। हालांकि अभी इसकी कोई औपचारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन एक निजी न्यूज चैनल ने ये दावा किया है कि बातचीत के दौरान सोनिया गांधी ने कहा है कि वो राहुल गांधी के अध्यक्ष बनते ही राजनीति से संन्यास से लेंगी। आपको बता दें कि राहुल गांधी को पार्टी का अध्यक्ष नियुक्त तो कर दिया गया है, लेकिन अभी औपचारिक तौर पर उनका शपथ ग्रहण समारोह नहीं हुआ है।
सोनिया के अध्यक्ष बनने के बाद कांग्रेस को मिली थी संजीवनी
भले ही भारतीय राजनीति में इस समय कांग्रेस पार्टी की स्थिति ठीक न हो, लेकिन सोनिया गांधी ने कांग्रेस पार्टी को ऐसे समय पर संजीवनी प्रदान की थी जब भारतीय जनता पार्टी देश की बड़ी पार्टी बनती दिख रही थी। 1991 तक तो कांग्रेस पार्टी के लिए सबकुछ ठीक चल रहा था, लेकिन 1996 के चुनाव मिली हार के बाद से कांग्रेस पार्टी सत्ता से बाहर हो गई थी। 1996 में पहली बार त्रिशंकु संसद का गठन हुआ, ये पहला दौरा था जब देश के तीन प्रधानमंत्री रहे थे। इसके बाद 1998 में सिर्फ 413 और 1999 में पूरे पांच साल के लिए अटल बिहारी वाजपेयी जी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनी। 2004 के चुनाव में सोनिया गांधी के सामने बड़ी चुनौती थी पार्टी को जिंदा करने की, क्योंकी 1998 में ही सोनिया गांधी को पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया था।
अध्यक्ष बनने के बाद ये थी सोनिया की 2 बड़ी सफलताएं
2004 के चुनाव में उम्मीद के मुताबिक ही परिणाम मिले और कांग्रेस पार्टी ने इस चुनाव में 150 सीटें हासिल कर अन्य दलों के साथ मिलकर सरकार बना ली। 2004 में कांग्रेस पार्टी को बसपा, सपा, एमडीएमके और वाम मोर्चा के बाहरी समर्थन सहित 335 सदस्यों का समर्थन प्राप्त हो गया और ऐसे मिलकर यूपीए के नेतृत्व में सरकार बनी। 2004 के बाद 2009 के चुनाव में भी कांग्रेस पार्टी ने बेहतरीन प्रदर्शन को दोहराते हुए 205 सीटें हासिल की। 2009 में भी अन्य घटक दलों के साथ मिलकर कांग्रेस पार्टी ने मनमोहन सिंह के नेतृत्व में सरकार बनाई। इन दोनों ही चुनावों में जीत का पूरा श्रेय सोनिया गांधी को दिया गया। उसी साल फोर्ब्‍स पत्रिका ने उन्‍हें सबसे सशक्‍त महिला नेता घोषित किया।
 

घोटाले के आरोप ले डूबे कांग्रेस को
इसके बाद कांग्रेस पार्टी के लिए बुरा वक्त शुरू हो गया। ये वो वक्त रहा जब सोनिया गांधी के उपर कई तरह के मुद्दों के साथ गंभीर आरोप लगे। साथ ही भ्रष्टाचार और घोटालों ने कांग्रेस पार्टी को अर्श से फर्श पर ला दिया। 2014 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस पार्टी के इतिहास में सबसे बुरा वक्त था, क्योंकि इस चुनाव में पार्टी को सिर्फ 44 सीटें ही मिलीं। कांग्रेस नेताओं और UPA सरकार के कई मंत्रियों पर भ्रष्‍टाचार के आरोप लगे, जिसका नुकसान पार्टी को चुनाव में उठाना पड़ा। नरेंद्र मोदी सहित विपक्ष के कई नेताओं ने सोनिया गांधी का नाम देश के सबसे बड़े 2जी घोटाले से जोड़ा। सोनिया के दामाद रॉबर्ट वाड्रा पर कई देशों में जमीन खरीदने के आरोप लगे और कहा गया कि सोनिया ने इसमें मदद दी। उनका नाम अरबों डॉलर के अगस्‍ता वेस्‍टलैंड घोटाले में भी जोड़ा गया। हालांकि उन पर लगा कोई भी आरोप कोर्ट में साबित नहीं हो पाया। इन आरोपों की वजह से कांग्रेस पार्टी की स्थिति इस समय राजनीति में बहुत ही बद्तर हो चुकी है।
सबसे ज्यादा वक्त तक रहीं कांग्रेस अध्यक्ष
सोनिया गांधी को कांग्रेस के अभी तक के सफर में सबसे प्रभावी नेता माना जाता है। एक समय पर राजनीति में आने से तौबा कर चुकीं सोनिया गांधी पार्टी की सबसे ज्यादा वक्त तक अध्यक्ष रही हैं। 1998 से अभी तक वो कांग्रेस अध्यक्ष हैं। वो जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी से भी ज्यादा वक्त कांग्रेस की अध्यक्ष रही हैं। सोनिया कांग्रेस के इतिहास में सबसे लंबे समय तक रहने वाली अध्यक्ष हैं। सोनिया गांधी को कई बार दुनिया की पावरफुल महिलाओं की सूची में शामिल किया गया है।

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