बहुमत को लेकर भ्रम न पाले सरकार
यूपीए चेयरपर्सन और कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मीडिया की तरफ यह सवाल पूछे जाने पर कि क्या विपक्ष के पास बहुमत है। इस पर सोनिया गांधी ने जवाब दिया कि कौन कहता है कि विपक्ष के पास संख्या बल नहीं है। मोदी सरकार भुलावे में नहीं रहे। सभी विपक्षी दल सरकार के खिलाफ एकजुट हैं और अविश्वास प्रस्ताव पर मोदी के खिलाफ मतदान करेंगे। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने न केवल देश की जनता से वादाखिलाफी की है बल्कि विपक्ष को भी बरगलाने का काम किया है। विपक्षी दल केंद्र के इस मंसूबे को अब भलीभांति जानते हैं।
यूपीए चेयरपर्सन और कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मीडिया की तरफ यह सवाल पूछे जाने पर कि क्या विपक्ष के पास बहुमत है। इस पर सोनिया गांधी ने जवाब दिया कि कौन कहता है कि विपक्ष के पास संख्या बल नहीं है। मोदी सरकार भुलावे में नहीं रहे। सभी विपक्षी दल सरकार के खिलाफ एकजुट हैं और अविश्वास प्रस्ताव पर मोदी के खिलाफ मतदान करेंगे। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने न केवल देश की जनता से वादाखिलाफी की है बल्कि विपक्ष को भी बरगलाने का काम किया है। विपक्षी दल केंद्र के इस मंसूबे को अब भलीभांति जानते हैं।
सरकार के खिलाफ पहला अविश्वास प्रस्ताव
आपको बता दें कि मोदी सरकार के चार साल के कार्यकाल में यह पहला अविश्वास प्रस्ताव है। कांग्रेस और टीडीपी के कई सांसदों ने स्पीकर को अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था जिसमें से एक प्रस्ताव को सदन में 50 से ज्यादा सांसदों के समर्थन के बाद स्पीकर की ओर से स्वीकार किया गया। अब इस प्रस्ताव पर अगले 10 दिन में चर्चा करने का वक्त तय किया जाएगा। लोकसभा के भीतर कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कांग्रेस और विपक्षी दलों के कई सासंदों के खड़े होकर इस प्रस्ताव का समर्थन किया। अब यह तय हुआ है कि अविश्वास प्रस्ताव पर शुक्रवार से चर्चा शुरू होगी।
आपको बता दें कि मोदी सरकार के चार साल के कार्यकाल में यह पहला अविश्वास प्रस्ताव है। कांग्रेस और टीडीपी के कई सांसदों ने स्पीकर को अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था जिसमें से एक प्रस्ताव को सदन में 50 से ज्यादा सांसदों के समर्थन के बाद स्पीकर की ओर से स्वीकार किया गया। अब इस प्रस्ताव पर अगले 10 दिन में चर्चा करने का वक्त तय किया जाएगा। लोकसभा के भीतर कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कांग्रेस और विपक्षी दलों के कई सासंदों के खड़े होकर इस प्रस्ताव का समर्थन किया। अब यह तय हुआ है कि अविश्वास प्रस्ताव पर शुक्रवार से चर्चा शुरू होगी।