बसपा और आप को नहीं मिला न्योता जानकारी के मुताबिक इस बैठक में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन, महाराष्ट्र सीएम उद्धव ठाकरे, एनसीपी प्रमुख शरद पवार समेत विपक्षी दलों के बड़े नेता शामिल होंगे। हालांकि, आम आदमी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी को इस बैठक के लिए न्योता नहीं भेजा गया है।
हाल ही में सोनिया से मिली थीं ममता बनर्जी गौरतलब है कि अगस्त महीने की शुरुआत में ममता बनर्जी का दिल्ली दौरा हुआ था। इस दौरान बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोनिया गांधी समेत कई अन्य नेताओं से मुलाकात की थी। इन मुलाकातों से ममता बनर्जी ने केंद्र को बता दिया था कि विपक्ष इतना कमजोर नहीं है, जितना सरकार समझ रही है। वहीं ममता और सोनिया की मुलाकात ने यह साफ कर दिया कि विपक्षी दल अगामी लोकसभा चुनाव एक साथ मिलकर लड़ने की योजना बना रहे हैं।
मानसून सत्र में दिखी विपक्ष की एकता राजनीतिक जानकारों की मानें तो इस बैठक का मुख्य उद्देश्य विपक्षी एकता को और मजबूत करना है। इसके साथ ही हाल ही में मानसून सत्र के दौरान सदन में पेगासस कांड, किसान आंदोलन, महंगाई समेत अन्य मुद्दों को लेकर जिस तरह विपक्ष ने सरकार को घेरा उससे भी भाजपा विरोधी दल एक दूसरे के पास आए हैं।
यह भी पढ़ेें: संसद के मानसून सत्र में गतिरोध चिंताजनक बता दें कि संसद के मानसून सत्र के दौरान विपक्षी हंगामा के चलते सदन की कार्यवाही लगातार बाधित रही। वहीं कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों में इसको लेकर एक बेहतर समन्वय स्थापित हुआ। वहीं, राज्यसभा में कांग्रेस पार्टी के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में विपक्ष का नया कलेवर देखने को मिला। इसके अलावा दोनों सदनों में विपक्ष को एकजुट करने में राहुल गांधी की उपस्थिति भी अहम रही। ऐसे में विपक्षी दलों की यह बैठक काफी अहम मानी जा रही है। कहा जा रहा है कि विपक्ष इस बैठक में केंद्र के खिलाफ आगे की रणनीति बनाएगी।