scriptमोदी सरकार के खिलाफ राहुल गांधी का जन अभियान, 23 अप्रैल से देशव्यापी ‘संविधान बचाओ’ की शुरुआत | Starting the nationwide 'Save the Constitution' from April 23 | Patrika News

मोदी सरकार के खिलाफ राहुल गांधी का जन अभियान, 23 अप्रैल से देशव्यापी ‘संविधान बचाओ’ की शुरुआत

locationनई दिल्लीPublished: Apr 15, 2018 08:15:01 pm

Submitted by:

Anil Kumar

दलितों के प्रति हो रहे अत्याचार के खिलाफ मोदी सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस ‘संविधान बचाओ’ मुहिम को देशव्यापी चलाएगी।

rahul gandhi

नई दिल्ली । कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी 23 अप्रैल से देशव्यापी ‘संविधान बचाओ’ मुहिम की शुरुआत करने जा रहे हैं। दलितों के प्रति हो रहे अत्याचार के खिलाफ मोदी सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस इस मुहिम को देशव्यापी चलाएगी। बता दें कि कांग्रेस पार्टी दलित, आदिवासी और पिछड़ों पर हुए हमलों के खिलाफ इस मुहिम के तहत आवाज उठाएगी, साथ ही सरकार की ओर से अलग-अलग मौकों पर संविधान को आघात पहुंचाने वाली घटनाओं को जनता के सामने रखेगी। गौरतलब है कि राहुल गांधी का मकसद दलित समुदायों का ध्यान अपनी ओर खींचना है और दलित समुदाय को उनके मौजूदा हालात से अवगत करवाना है।

राहुल का सरकार के खिलाफ जन अभियान

बता दें कि कांग्रेस की ओर से देशव्यापी ‘संविधान बचाओ’ अभियान की शुरुआत 23 अप्रैल से दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम से की जाएगी। इस दौरान कांग्रेस की क्षेत्रीय इकाइयों से जुड़े अधिकारिगण के अलावा युवा विंग के सदस्य, महिला एवं सेवा दल के सदस्य हिस्सा लेंगी। बता दें कि राहुल गांधी का मोदी सरकार के खिलाफ एक जन अभियान है।

दलितों को उनके अधिकारों से सरकार ने किया वंचित : नितिन

‘संविधान बचाओ’ कार्यक्रम के आयोजक और कांग्रेस के अनुसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष नितिन राउत ने मीडिया को बताया कि मोदी सरकार ने दलितों और पीछड़ों के अधिकारों का हनन किया है। उनसे उनके रोजगार के अवसरों को छीना है। आज मोदी सरकार के मंत्री संविधान को बदलने की बात कह रहे हैं, जिससे विभिन्न समुदायों में सरकार के प्रति गुस्सा है। कांग्रेस पार्टी इन्हीं मुद्दों के साथ समाज के बीच 23 अप्रैल से ‘संविधान बचाओ’ मुहिम के तहत संपर्क करेगी और बताएगी कि मोदी सरकार ने उनके साथ धोखा किया है। दलितों, पीछड़ो और आदिवासियों को उनके हक से उन्हें वंचित किया है। राउत ने कहा कि इस कार्यक्रम के दौरान हिस्सा लेने वाले कांग्रेसी कार्यकर्ताओं से अपेक्षा है कि वे लोग इस संदेश को लेकर घर-घर तक जाएंगे और लोगों को बताएंगे।

दलितों के लिए आरक्षित सीटों पर है सबकी नजर

गौरतलब है कि आगामी आम चुनाव बेहद करीब है और सभी राजनीतिक दलों में सीटों के गणित को लेकर माथापच्ची चालू हो गया है। इसी के मद्देनजर दलितों और आदिवासियों के लिए आरक्षित 84 लोकसभा सीटों पर सबकी नजर है। देश में करीब 17 फीसदी वोटर्स अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति से आते हैं।

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