प्रधानमंत्री करेंगे दुनिया की सबसे विराट प्रतिमा का अनावरण, आदिवासी भी कर रहे विरोध
Statue of Unity: पीएम मोदी को नर्मदा जिले के गांववालों का खुला खत, हम आपका स्वागत नहीं करेंगे
सूरत। सरदार सरोवर बांध के पास स्थित 22 गांवों के मुखिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुला खत लिखा है। इसमें कहा गया है कि इन गांवों के लोग स्टैचू ऑफ यूनिटी के उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत नहीं करेंगे। इन गांव वालों के अलावा स्थानीय आदिवासी नेताओं ने भी प्रधानमंत्री के कार्यक्रम का बहिष्कार करने की घोषणा की है। आदिवासी नेताओं का कहना है कि सरदार पटेल की विशाल प्रतिमा की वजह से यहां प्राकृतिक संसाधनों को नुकसान पहुंचा है।
प्रधानमंत्री मोदी को लिखे इस पत्र में कहा गया है कि जंगलों, नदियों, झरनों, जमीन और खेती ने सदियों से हमारी मदद की है। हम इन्हीं के बल पर अपना जीवन जी रहे थे, लेकिन अब सब बर्बाद हो गया है। दूसरी ओर सरकार खुशियां मनाने की तैयारी कर रही है। पत्र में सवाल पूछा गया है कि क्या आपको नहीं लगता कि किसी की मौत पर खुशियां मनाना अजीब है।
इसमें आगे पत्र में कहा गया है कि हम सभी गांव वालों को बड़े दुख से कहना पड़ रहा है कि 31 अक्टूबर को हम आपका स्वागत नहीं करेंगे। अगर सरदार पटेल देखते कि प्राकृतिक संसाधनों को इतना नुकसान पहुंचाया जा रहा और हमारे साथ अन्याय किया जा रहा है, तो वो खुद रोने लग जाते। जब हमने इसके खिलाफ आवाज उठाई तो पुलिस ने हमें रोका। प्रधानमंत्रीजी आप हमारी गुहार क्यों नहीं सुनते हैं।
गौरतलब है कि गुजरात में सरदार पटेल की विराट प्रतिमा स्थापति करने के लिए 2989 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। 27 अक्टूबर 2014 में लार्सन एंड टर्बो ने 2989 करोड़ में इस प्रोजेक्ट का ठेका लिया था। इस पैसे में एलएंडटी डिजाइन, कंस्ट्रक्शन और मेंटेनेस करेगी। करीब 2500 मजदूरों और 200 इंजीनियरों ने प्रतिमा बनाई है। इसके निर्माण में ज्यादातर चीनी मजदूर और एक्सपर्ट शामिल हैं।