क्या है पूरा मामला
आपको बता दें कि राजनेता नवजोत सिंह सिद्धू ने आज से तीस वर्ष पूर्व 27 दिसंबर 1988 को पटियाला में सड़क पर 65 वर्षीय गुरनाम सिंह से किसी बात पर बहस हो गई थी जिसके बाद सिद्धू ने उन्हें मुक्का मार दिया था जिससे उनकी मौत हो गई थी। हालांकि फिलहाल उनकी सजा पर रोक लगी है और मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में जारी है। इसी के तहत मंगलवार को इस मामले में फैसला आना है। गौरतलब है कि मृतक के परिजनों ने कोर्ट में एक सबूत पेश किया है जिसमें नवजोत सिंह सिद्धू 2012 में एक टीवी साक्षात्कार के दौरान इस बात को स्वीकार कर रहे हैं कि उनकी पिटाई से गुरनाम सिंह की मौत हो गई थी। हालांकि 12 अप्रैल को इस मामले की सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार ने कोर्ट में कहा था कि सिद्धू ने झूठ बोला कि वह घटनास्थल पर मौजूद नहीं थे। पंजाब सरकार ने जवाब दाखिल करते हुए कोर्ट में कहा था कि सिद्धू के खिलाफ चल रहा यह मामला सही है। अब सरकार के इस बयान के बाद सिद्धू की मुश्किलें बढ़ गई हैं। बता दें कि सिद्धू वर्तमान में पंजाब सरकार में पर्यटन एवं संस्कृति और स्थानीय निकाय मंत्री हैं।