विदेश मंत्री ने शरीफ द्वारा उनकी दुआएँ कश्मीरियों के साथ होने की बात को नकारते हुए कहा कि पाकिस्तान ने कश्मीरियों को कभी दुआएं नहीं दीं, बल्कि हथियारों और आतंकवाद का गहरा दर्द दिया है। पाकिस्तान की कोशिश है कि अपने संसाधनों, संस्थाओं और आतंकवादी संगठनों द्वारा जम्मू-कश्मीर में अस्थिरता पैदा की जाए। उन्होंने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के शुक्रवार के भाषण को उनके नापाक मंसूबों की स्वीकारोक्ति करार देते हुए उन्हें सख्त स्वर में चेतावनी देते हुए कहा, मैं फिर पुरजोर ढंग से यह दोहराना चाहती हूं कि उनका यह नापाक मंसूबा कभी भी पूरा नहीं होगा।
पाकिस्तानी नेता द्वारा भारतीय सुरक्षा बलों पर लगाए गए आरोपों पर पलटवार करते हुए स्वराज ने कहा कि जिस देश ने अपने लाखों नागरिकों पर लड़ाकू विमानों, तोपों और टैंकों का इस्तेमाल किया हो उसे हमारी बहादुर, अनुशासित और सम्माननीय पुलिस और सुरक्षा बलों पर उंगली उठाने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि अत्यंत प्रतिकूल और खतरनाक परिस्थिति में भी भारतीय पुलिस और सुरक्षा बलों का संयम और अपने साथी नागरिकों के प्रति सम्मान इस बात से जाहिर है कि जम्मू कश्मीर में पिछले दिनों की हिंसा के दौरान 1700 से भी अधिक सुरक्षाकर्मी जख्मी हुए जिनमें से बहुत से आज भी गंभीर रूप से घायल हैं।