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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज बुंदेलखंड की धरती से इस गर्जना की आवश्यकता है कि मेरी झांसी आत्मनिर्भर भारत को बनाने में प्रमुख भूमिका निभाएगी। हम पूरी ताकत लगा देगें। उन्होंने कहा कि जब हम कृषि में आत्मनिर्भरता की बात करते हैं तो ये केवल खाद्यान्न तक ही सीमित नहीं है। ये गांव की पूरी अर्थव्यवस्था की आत्मनिर्भरता की बात भी है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि ये देश में खेती से पैदा होने वाले उत्पादों में वैल्यू एडिशन करके देश और दुनिया के बाज़ारों में पहुंचाने का मिशन है। कृषि में आत्मनिर्भरता का लक्ष्य किसानों को एक उत्पादक के साथ ही उद्यमी बनाने का भी है।
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झांसी के लिए अपने संबोधन में खेती किसानी पर ही फोकस रखा। उन्होंने कहा कि जब किसान और खेती, उद्योग के रूप में आगे बढ़ेगी तो बड़े स्तर पर गांव में और गांव के पास ही रोज़गार और स्वरोज़गार के अवसर तैयार होंगे। आज बीज से लेकर बाजार तक खेती को तकनीक से जोड़ने का, आधुनिक रिसर्च के फायदों को जोड़ने का निरंतर काम किया जा रहा है। इसमें बहुत बड़ी भूमिका रिसर्च संस्थानों और कृषि विश्वविद्यालयों की भी है।
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पीएम मोदी ने यह भी कहा कि तीन और राष्ट्रीय संस्थान IARI-झारखंड, IARI-असम, और मोतीहारी में Mahatma Gandhi Institute for Integrated Farming की स्थापना की जा रही है। ये छात्र छात्राओं को नए मौके देने के साथ स्थानीय किसानों तक तकनीक का ज्ञान पहुंचाने और उनकी क्षमता बढ़ाने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि ड्रोन टेक्नॉलॉजी हो, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की टेक्नॉलॉजी हो, आधुनिक कृषि उपकरण हों, इसको देश की कृषि में अधिक से अधिक उपयोग में लाने के लिए आप जैसे युवा Researchers को, युवा वैज्ञानिकों को निरंतर काम करना होगा।
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पीएम मोदी ने इस दौरान टिड्डी दल का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि बीते मई में बुंदेलखंड में टिड्डी दल का हमला हुआ था। देश के 10 से ज्यादा राज्य इससे प्रभावित हुए थे। जिस तेजी से ये फैल रहा था उसमें पारंपरिक माध्यमों से इस पर काबू पाना मुश्किल था। इतने बड़े हमले को भारत ने वैज्ञानिक तरीके से संभाला है। ये बहुत बड़ा काम हुआ है।