बीजेपी को पहुंचाएंगे लाभ बता दें कि पूर्व सांसद केपी रामलिंगम को डीएमके प्रमुख एमके अलागिरी का विरोधी और उनके बड़े भाई का करीबी नेता माना जाता है। करुणानिधि के निधन के बाद रामलिंगम ने अलागिरी के बड़े भाई को डीएमके प्रमुख बनाने को लेकर अभियान चलाया था। तभी से डीएमके प्रमुख उनसे नाराज चल रहे हैं। अब इस बात की संभावना जताई जा रही है कि वो आगामी चुनाव में डीएमके को नुकसान पहुंचा सकते हैं। तय है कि इसका सीधा लाभ बीजेपी को मिलेगा।