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भाजपा के लिए बड़ी खुशखबरी! टीडीपी ने फिर दिए एनडीए में आने के संकेत

locationनई दिल्लीPublished: Jul 27, 2018 01:41:11 pm

Submitted by:

Kaushlendra Pathak

टीडीपी सुप्रीमो चंद्रबाबू नायडू ने एक बार फिर एनडीए में लौटने के संकेत दिए हैं।

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भाजपा के लिए बड़ी खुशखबरी!, टीडीपी ने फिर दिए भाजपा में आने के संकेत

नई दिल्ली। बहुत पुरानी कहावत है कि राजनीति में कब, कहां और क्या हो जाए यह कोई नहीं जानता? कौन सी पार्टी कब किससे गठबंधन कर ले और कब किस से अलग हो जाए, यह किसी को मालूम नहीं। अभी हाल ही में एनडीए से अलग हुई तेलुगू देशम पार्टी यानी टीडीपी ने एक बार फिर वापसी के संकेत दिए हैं।
नायडू ने दिए भाजपा में लौटने के संकेत

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और टीडीपी प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू ने कहा है कि अगली बार प्रधानमंत्री कोई भी बने, वो उसका समर्थन देने का तैयार हैं। वह, नये प्रधानमंत्री के साथ मिलकर काम करेंगे। चूंकि, भाजपा इस वक्त देश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है। इसलिए माना जा रहा है कि 2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा ही अपना परचम लहराएगी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर केंद्र की सत्ता पर काबिज होंगे। एक इंटरव्यू में उन्होंने एनडीए से नाता तोड़ने और मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करने के सवाल पर कहा कि मोदी कहते हैं कि पिछले 30 सालों में यह पहली बार हुआ है कि एक गैर-कांग्रेसी सरकार लोकसभा में बहुमत हासिल करने में सक्षम रही है। लेकिन, उन्हें यह भी महसूस करना चाहिए कि हमने भी इस सफलता में योगदान दिया है। हम बहुत अच्छी तरह से जानते थे कि उनके पास स्पष्ट बहुमत है। लेकिन अविश्वास प्रस्ताव बहुमत बनाम नैतिकता के बारे में था।
विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलने के कारण तोड़ा गठबंधन

नायडू ने कहा कि राज्य के विभाजन के समय नरेंद्र मोदी जो कि उस समय प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार थे ने वादा किया था कि आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाएगा। इसी आशा में हमने एनडीए के साथ गठबंधन किया और तब से लेकर अब तक मैं 29 बार दिल्ली जा चुका हूं और केंद्रीय मंत्रियों से वादा पूरा करने का आग्रह कर चुका हूं। लेकिन, किसी ने मेरी बात नहीं सुनी। इस लिहाज से हमारा गठबंधन में शामिल रहने का कोई मतलब नहीं बनता था। वहीं, कांग्रेस का साथ देने और विपक्ष के हमेशा एकजुट रहने के सवाल पर कहा कि भारत में सभी विपक्षी दलों की अपनी-अपनी मजबूरियां हैं। कुछ राज्यों में वो एक-दूसरे के खिलाफ ही चुनाव लड़ते हैं। चंद्रबाबू के इस संकेत से भाजपा में यकीन खुशी की लहर लौटी सकती है। अगर चुनाव से पहले या चुनाव के बाद टीडीपी ने फिर से भाजपा के साथ गंठबंधन कर लिया तो परिणाम कुछ और होगा।
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