स्टाफ और मार्शलों की अपील भी हुई खारिज
सांसदों के हंगामे की वजह से गुरुवार को राज्यसभा की कार्यवाही एक बार फिर दिनभर के लिए स्थगित करनी पड़ी। टीडीपी सांसदों ने सदन को खाली करने से साफ इनकार कर दिया, तो राज्यसभा के स्टाफ और मार्शलों ने सांसदों से सदन छोड़ने की अपील की लेकिन उन्होंने साफ इनकार कर दिया।
आंध्र प्रदेश के मुद्दे पर लंबे समय से बवाल जारी
विभाजन के बाद से ही आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग तेजी से चल रही है। विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के लिए एनडीए से नाता तोड़ने वाली टीडीपी लंबे समय से विरोध प्रदर्शन कर रही है। इसी विवाद के चलते मोदी कैबिनेट से टीडीपी कोटे के दोनों मंत्रियों ने इस्तीफा दिया था, वहीं आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू की सरकार से बीजेपी के मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया था।
हंगामों से संसद में जारी है स्थगन का दौर
गौरतलब है कि संसद में विवादित बयानबाजी और अविश्वास प्रस्ताव के साथ-साथ आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा, तमिलनाडु और कर्नाटक के बीच कावेरी जल विवाद समेत कई अलग-अलग मसलों पर लगातार विरोध जारी है। इस तरह के बवाल के चलते राज्यसभा और लोकसभा दोनों ही सदनों में बजट सत्र के दूसरे चरण में एक भी दिन व्यवस्थित कार्यवाही नहीं चली। ऐसे में हर मिनट की कार्यवाही पर खर्च हो रहे करीब ढाई लाख रुपए निश्चित तौर पर चिंता का विषय है। इसके लिए कई सांसदों ने जबर्दस्त जनाक्रोश के बीच वेतन छोड़ने का मसला उठाया है, लेकिन अभी इस पर कोई अंतिम समाधान सामने नहीं आया है।
गौरतलब है कि संसद में विवादित बयानबाजी और अविश्वास प्रस्ताव के साथ-साथ आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा, तमिलनाडु और कर्नाटक के बीच कावेरी जल विवाद समेत कई अलग-अलग मसलों पर लगातार विरोध जारी है। इस तरह के बवाल के चलते राज्यसभा और लोकसभा दोनों ही सदनों में बजट सत्र के दूसरे चरण में एक भी दिन व्यवस्थित कार्यवाही नहीं चली। ऐसे में हर मिनट की कार्यवाही पर खर्च हो रहे करीब ढाई लाख रुपए निश्चित तौर पर चिंता का विषय है। इसके लिए कई सांसदों ने जबर्दस्त जनाक्रोश के बीच वेतन छोड़ने का मसला उठाया है, लेकिन अभी इस पर कोई अंतिम समाधान सामने नहीं आया है।