तेजस्वी यादव में पत्र में इन बातों का किया जिक्र तेजस्वी यादव ने कहा कि राज्यहित में प्रतिवर्ष बाढ़ की विभीषिका के कारण होने वाले नुकसान और नदी जोड़ने की योजना के महत्व के संदर्भ में एक सर्वदलीय प्रतिनिधि मंडल बनाएं और प्रधानमंत्री से मिलकर इन मांगों को रखें। बता दें कि इस पत्र में नीतीश कुमार ने बिहार में सुखाड़ और इससे प्रभावित होकर असामयिक मृत्यु के साथ-साथ अरबों रुपयों की फसल की हो रही क्षति को बचाने के लिए जिक्र किया है।
रिवर लिंकिंग प्रोजेक्ट्स पर तेजस्वी ने उठाए सवाल राजद नेता ने बताया कि 2011 में बिहार में रिवर लिंकिंग प्रोजेक्ट्स की घोषणा की गई थी। इसमें राज्य की कई नदियों को जोड़ने के लिए अनेक योजनाओं की बात कही गई थी, लेकिन सरकारों की लापरवाही के चलते योजना अधर में लटकी है। केंद्र सरकार ने 2019 में मात्र एक ‘कोशी-मेची’ नदी को जोड़ने की योजना को रास्ता दिया, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस योजना का कार्यान्वयन अभी तक शुरू नहीं हुआ है।
तेजस्वी ने बताया कि राज्य बारिश के चलते हर साल राज्य की कई नदियां बाढ़ का कारण बनती हैं। ऐसे में इन नदियों को उन नदियों से जोड़ा जा सकता है, जिनमें पानी कम हो। इससे बिहार के लोगों को बाढ़ से काफी राहत मिलेगी।
पत्र में तेजस्वी यादव ने हर साल बाढ़ से प्रभावित होने वाले इलाकों का जिक्र भी किया। तेजस्वी यादव ने बताया कि बिहार का किशनगंज, सीतामढ़ी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण जैसे इलाके बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित होते हैं। इसके साथ ही शिवहर, सुपौल, खगड़िया, सारण, समस्तीपुर, सीवान, मधुबनी, मधेपुरा, सहरसा, भागलपुर, कटिहार और वैशाली सहित राजधानी पटना में भी बाढ़ का कहर देखने को मिलता है। बावजूद इसके सरकार इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है।