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तेलंगाना के पूर्व मंत्री एटला राजेंद्र ने TRS से दिया इस्तीफा, जल्द थाम सकते हैं इस पार्टी का दामन

locationनई दिल्लीPublished: Jun 04, 2021 01:04:29 pm

Telangana के पूर्व मंत्री Eatala Rajender ने TRS से दिया इस्तीफा, इस पार्टी में हो सकते हैं शामिल, सीएम राव पर लगाए गंभीर आरोप

Telangana Eatala Rajender Resigns to TRS Party And MLA Post may join BJP Soon

Telangana Eatala Rajender Resigns to TRS Party And MLA Post may join BJP Soon

नई दिल्ली। तेलंगाना ( Telangana ) के रजानीतिक गलियारों से बड़ी खबर सामने आ रही है। तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) के साथ अपने लगभग दो दशकों के जुड़ाव को समाप्त करते हुए, पूर्व मंत्री एटला राजेंद्र ( Eatala Rajendra ) ने शुक्रवार को पार्टी सदस्य और विधायक के रूप में इस्तीफा दे दिया।
दरअसल पूर्व मंत्री को 2 मई को हैदराबाद के बाहरी इलाके में उनके परिवार के स्वामित्व वाली फर्म के स्वामित्व वाली जमीन हड़पने के आरोपों के बाद कैबिनेट से निष्कासित कर दिया गया था।
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जल्द जॉइन कर सकते हैं भाजपा
राजनीतिक जानकारों की मानें तो एटला राजेंद्र के जल्द बीजेपी जॉइन करने की खबरें भी आ सकती हैं। सूत्रों की मानें तो वे पिछले कुछ समय से लगातार बीजेपी नेताओं के संपर्क में हैं।
सीएम पर बोला हमला
संवाददाता सम्मेलन में अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए, पूर्व मंत्री ने मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव पर हमला किया। उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी भी पार्टी की ‘लक्ष्मण रेखा’ को पार नहीं किया और पार्टी कल्याण योजनाओं का विरोध किया, लेकिन वह रायथु बंधु योजना को सैकड़ों एकड़ जमीन वाले बड़े जमींदारों तक पहुंचाने जैसे कुछ मुद्दों के खिलाफ थे।
पूर्व मंत्री ने कहा कि, भूमि हथियाने वाले मामले में लगे आरोपों पर किसी भी तरह की कार्रवाई करने से पहले, सीएम ने बिना कोई स्पष्टीकरण मांगे मुझे कैबिनेट से हटा दिया।

उन्होंने कहा कि, मौत की सजा पाए व्यक्ति से भी उसकी अंतिम इच्छा पूछी जाती है, लेकिन सीएम ने मुझे कैबिनेट से हटाने से पहले मुझसे स्पष्टीकरण नहीं मांगा।
मंत्रियों को अपना गुलाम समझते हैं राव
हुजूराबाद विधानसभा क्षेत्र के विधायक ने कहा कि उनके और पार्टी नेतृत्व के बीच की खाई नई नहीं है और यह पिछले पांच वर्षों से है।

उन्होंने कहा- एक मंत्री के रूप में, मुझे अपमान का सामना करना पड़ा। एक और मंत्री हरीश राव को भी ऐसी ही स्थिति का सामना करना पड़ा। उनके मुताबिक सभी मंत्री और विधायक उनके गुलाम हैं, लेकिन मंत्री पद स्वाभिमान से बड़ा नहीं होता।
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बिना विभाग मंत्री के होती है बैठक
राजेंद्र ने कहा, वित्त विभाग की समीक्षा बैठक वित्त मंत्री के बिना और स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक संबंधित मंत्री के बिना हुई।” उन्होंने कहा कि पार्टी भले ही धन और बाहुबल के बल पर कुछ चुनाव और उपचुनाव जीतने में सफल रही हो, लेकिन यह स्थायी नहीं थी।
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