केसीआर ने कांग्रेस को दी चुनाव लड़ने की चुनौती
के. चंद्रशेखर राव ने कांग्रेस को तेलंगाना में आगामी चुनाव लड़ने की चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले तेलंगाना में कई मुद्दे थे, जैसे कि बम विस्फोट, बिजली के मुद्दे, सांप्रदायिक हिंसा, लेकिन अब हम इन सब से मुक्त हैं। मैं कांग्रेस नेताओं से कहना चाहूंगा कि आएं और यहां चुनाव लड़कर दिखाएं ताकि जनता उन्हें जवाब दे। बता दें कि विधानसभा भंग होने पर कांग्रेस ने कहा था कि केसीआर ने अपनी कब्र खोद ली है।
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एनडीए में शामिल होने की कयास से किनारा
अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन कयासों को दरकिनार कर दिया जिसमें उनके एनडीए में शामिल होने की बात कही जा रही थी। राव ने कहा कि आगामी चुनावों में तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) अकेले चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी 100 फीसदी सेक्यूलर हैं, हम बीजेपी के साथ कैसे जा सकते हैं। इसके साथ ही केसीआर ने कहा कि हम अपने मित्र ऑल इंडिया मजलिसे इत्तेहाद मुसलिमिन (एआईएमआईएम) के साथ हैं।
कांग्रेस बोली- टीआरएस ने खुद के पांव पर मारी कुल्हाड़ी
केसीआर के बयान के बाद कांग्रेस ने भी पलटवार किया है। कांग्रेस ने कहा कि समय से पहले विधानसभा भंग करने की घोषणा कर टीआरएस ने खुद के पांव पर कुल्हाड़ी मारी है और यह तेलंगाना में टीआरएस युग का अंत है। कांग्रेस में तेलंगाना मामलों के प्रभारी आर सी खुंटिया ने पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मलेन में कहा कि इस फैसले से तेलंगाना के लोगों का भविष्य अधर में लटक गया है। उन्होंने कहा कि यदि चुनाव की घोषणा जल्दी होती है तो चुनाव प्रक्रिया पूरा होने तीन से चार महीने लग जाएंगे। उसके बाद लोकसभा चुनाव की आचार संहिता होगी। इस तरह से राज्य में छह महीने तक कोई नई परियोजना शुरू नहीं हो सकेगी। उन्होंने कहा कि तेलंगाना में चुनाव आयोग ने इसी माह मतदाता सूची की समीक्षा शुरू की है और यह काम एक जनवरी तक चलेगा। इससे पहले अगर चुनाव होते है तो 13 लाख नए युवा मतदाता वोट देने से वंचित रह जाएंगे और यदि बाद में चुनाव होता है तो वादाखिलाफी करने के कारण नारा चल रहे युवाओं का गुस्सा टीआरएस को झेलना पड़ेगा।