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66 करोड़ की इफ्तार पार्टी के आयोजन पर घिरी तेलंगाना सरकार

locationनई दिल्लीPublished: Jun 08, 2018 06:53:10 pm

Submitted by:

Anil Kumar

हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर इस ‘दावत-ए-इफ्तार’ पर रोक लगाने की मांग की गई है।

तेलंगाना के सीएम के. चंद्रशेखर राव

66 करोड़ की इफ्तार पार्टी के आयोजन पर घिरी तेलंगाना सरकार

हैदराबाद। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की ओर से दी जाने वाली सालान इफ्तार पार्टी इस बार विवादों के घेरं में आ गई है। दरअसल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर इस ‘दावत-ए-इफ्तार’ पर रोक लगाने की मांग की गई है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि राज्य सरकार की ओर से तेलंगाना अल्पसंख्यक कल्याण योजनाओं का कीमती पैसा इफ्तार पार्टी के नाम पर पानी की तरह बहा कर दुरुपयोग किया जा रहा है। बता दें यह इफ्तार पार्टी शुक्रवार की शाम को हैदराबाद में दी जाने वाली है। इसमें मुख्यमंत्री और उनकी कैबिनेट के सदस्यों के अलावा शहर के जाने-माने लोगों के हिस्सा लेने की संभावना है।

400 मस्जिदों में इफ्तार पार्टी

आपको बता दें कि हैदराबाद में इफ्तार पार्टी के मुख्य आयोजन के अलावा ग्रेटर हैदराबाद म्युनिसिपल कॉरपोरेशन के तहत आने वाली 400 मस्जिदों और राज्य के अन्य जिलों की 400 मस्जिदों में इफ्तार के अलावा रमजान गिफ्ट के तौर पर कपड़े भी बांटे जाएंगे। सबसे चैंकाने वाली बात यह है कि इन सबके लिए राज्य सरकार की ओर से करीब 66 करोड़ रुपए दिए जाने की बात कही जा रही है। यह मामला प्रकाश में आने के बाद 5 जून को वकील अभिनव ने आंध्र प्रदेश और तेलंगाना हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया लेकिन हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। साथ ही याचिकाकर्ता को वैकेशन कोर्ट में जाने के लिए कहा था। इधर याचिकाकर्ता के वकील समीर अहमद ने बताया है कि हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मंगलवार को पीआईएल आने पर सुनवाई करेंगे।

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मुख्यमंत्री के इफ्तार पार्टी में न जाएं लोग: लुबना

आपको बता दें कि खर्चीली इफ्तार पार्टी का विरोध करने वाली सामाजिक कार्यकर्ता लुबना सरवत ने सभी धार्मिक नेताओं, राजनेताओं, नौकरशाहों और नागरिकों से मुख्यमंत्री की इफ्तार पार्टी का बॉयकॉट करने की अपील की है। सरवत ने सवाल पूछते हुए कहा कि तेलंगाना के आम लोगों से लिए गए टैक्स के पैसे को इस तरह के खर्चीले आयोजनों पर उडाना कितना सही है? उन्होंने कहा कि सरकारी पैसे को बिना किसी धार्मिक, जातिगत और लैंगिक भेदभाव के समाज के गरीब लोगों के लिए खर्च किए जाने चाहिए। लुबना सरवत के अलावा ‘मजसिल बचाओ तहरीक’ के नेता अमजदुल्ला खान ने भी खर्चीले इफ्तार आयोजनों पर सवाल किया है। उन्होंने सीधी-सीधे आरोप लगाते हुए कहा कि सरकारी अधिकारी रमजान गिफ्ट के नाम पर भ्रष्टाचार में शामिह हैैं।

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