इससे पहले केरल उच्च न्यायालय ने शादी को रद्द करते हुए इसे लव जेहाद का मामला बताया था। गृह राज्य मंत्री रीजिजू ने कहा कि जब कहा जाता है कि कुछ महिलाओं ने कैमरे पर कथित रूप से कहा कि अंतर-धर्म विवाह के लिए उन्हें रिझाया गया तो इसका मतलब है कि मुद्दे को लेकर एक चलन साफ दिख रहा है। उन्होंने कहा, आपने जिस फैसले के बारे में सुना है उससे इस तथाकथित लव जेहाद को लेकर एनआईए के इस कदम को वैधानिकता मिली है, जो माननीय उच्चतम न्यायालय की तरफ से आई है।
हालांकि गृह राज्यमंत्री रीजिजू ने उच्चतम न्यायालय में चल रहे मामले पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि जब मामले की जांच की जा रही है, तो वह इस पर कोई टिप्पणी करना नहीं चाहेंगे। रीजिजू ने कहा, एक चलन है जो दिख रहा है। लेकिन अगर मैं कोई टिप्पणी करता हूं तो जैसा मैंने कहा, क्योंकि मैं गृह मंत्रालय से हूं, लोग इस मुद्दे को दूसरा कोण देंगे। इसलिए चलन साफ दिखने के बावजूद मैं अपनी तरफ से इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा।