संसदीय अधिनियम और चुनाव प्रक्रियाओं नियमों के मुताबिक अगर लोकसभा की सीटों का मौजूदा कार्यकाल एक साल से कम है तो वहां उपचुनाव नहीं होगा। इस लिहाज से वाईएसआर कांग्रेस ने लोकसभा से त्यागपत्र अप्रैल महीने में ही दे दिया था, लेकिन तब उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया। ऐसे में अगर अब उनका इस्तीफा स्वीकार भी होता है तो फिलहाल उपचुनाव नहीं होंगे। क्योंकि अप्रैल में उनका इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ था।
जानकारी के मुताबिक लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन वाईएसआर कांग्रेस के 5 सांसदों के इस्तीफे मंजूर कर सकती हैं। इनमें आंध्र प्रदेश की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस के इन पांच सांसदों ने राज्य को विशेष दर्जा नहीं देने के केंद्र के फैसले का विरोध करते हुए इस्तीफा दे दिया था। इसी तरह कर्नाटक में 15 मई को ही चुनाव परिणाम के दिन भाजपा के येदियुरप्पा और दो अन्य सांसदों ने अपना इस्तीफा दे दिया था। उनका इस्तीफा 21 मई को स्वीकार हो गया था। संविधान विशेषज्ञों के मुताबिक जिस दिन लोकसभा के गठन की अधिसूचना जारी होती है, उसके कार्यकाल के शेष एक साल के अंदर उपचुनाव नहीं कराया जाता है।
मौजूदा लोकसभा परिणाम 16 मई, 2014 को को घोषित हो गया था। जाहिर है कि इन सभी 8 सांसदों का त्यागपत्र 19 मई के बाद ही स्वीकार किया गया है। इसके बावजूद इन सीटों पर चुनाव कराया जा सकता है क्योंकि लोकसभा का गठन आधिकारिक तौर पर 3 जून को हुआ था। लेकिन चुनाव आयोग संभवत: इन सीटों पर उपचुनाव को टाल भी सकता है।
जम्मू-कश्मीर की अनंतनाग सीट भी खाली है, लेकिन वहां की अधिसूचना जारी हो चुकी है। वहां पिछले साल ही चुनाव होने थे, लेकिन अशांति के कारण चुनाव टाल दिया गया था।